Sunday, November 24, 2024
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Dr Subhash Chandra बोले- जिन-जिन पर भरोसा किया वे सही लोग नहीं थे

Dr Subhash Chandra: जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) के संस्‍थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने समूह से जुड़े कई राज खोले। उन्‍होंने बताया है कि क्‍यों दुनियाभर के निवेशकों की नज़र ZEEL ग्रुप पर लगी रहती है। उन्‍होंने ग्रुप की तुलना उस सुंदर लड़की से की है जिसके पीछे बहुत लड़के लगे रहते हैं।

सुभाष चंद्रा ने यह भी बताया है कि बिजनस में उनसे कई गलतियां हुई हैं। हालांकि, इसका उन्‍हें अफसोस नहीं है। उनके मुताबिक, अगर आज उनके ग्रुप को टेकओवर करने की कोशिश होती है तो उसके पीछे बड़ी वजह है। वह मानते हैं कि ग्रुप की हैसियत भले ही 30-40 हजार करोड़ रुपए के आसपास है। लेकिन, इसे आज की तारीख में 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करके भी खड़ा करना आसान नहीं है। यह सिर्फ हो गया। दोबारा नहीं हो सकता।

Dr Subhash Chandra ने स्‍वीकार किया कि उन्‍होंने कारोबार की शुरुआत नियम-कायदों को पूरी तरह से ध्यान नहीं रखा गया। चंद्रा ने इसके पीछे सरकार की तत्कालीन पॉलिसियों को जिम्मेदार बताया। उनके मुताबिक, अब युवाओं को ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है। चंद्रा के मुताबिक, अगर वह इतने सारे बिजनेस में हाथ में डाल पाए तो उसका सिर्फ एक कारण था। उन्‍होंने हर वक्‍त आंख-कान खुले रखे।

Dr Subhash Chandra: जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) को लेकर समूह के मुखिया डॉ सुभाष चंद्रा ने अनकही कहानी बताई। उन्‍होंने कहा कि ZEEL की वैलुएशन बेशक 30-40 हजार करोड़ रुपये है। लेकिन, इसे 10 लाख करोड़ रुपये में भी खड़ा नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि उनके कारोबार पर पूरी दुनिया की नज़र रही है। एक इंटरव्‍यू में वह बोले कि लड़की सुंदर होती है तो उसके पीछे बहुत लड़के आते हैं। उनके ग्रुप की यही स्थिति है। ऐसे में भला कौन 10 लाख करोड़ रुपये का बिजनस 30-40 हजार करोड़ में नहीं चाहेगा।

डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि जी को हथियाने की कोशिश में बहुत लोग थे। इनवेस्‍को के अलावा उसके सपोर्टर भी पीछे से इसमें लगे हुए थे। वे पूरी तरह से कारोबार का अधिग्रहण करना चाहते थे। लेकिन, वह इसे बचाने में कामयाब रहे। सोनी के साथ विलय पर उन्‍होंने कि वे पार्टनर हैं। बेशक, उसके पास मेजॉरिटी शेयर हैं। लेकिन उससे फर्क नहीं पड़ता है। अपनी हिस्‍सेदारी के 41 फीसदी से घटकर 4 फीसदी पहुंचने पर उन्‍होंने कहा कि इसमें आगे सुधार होगा।

Dr Subhash Chandra: एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की एंट्री मामले पर भी सुभाष चंद्रा बोले हैं। उन्‍होंने कहा है अगर वह इतने बड़े ग्रुप होते तो इसमें हाथ नहीं डालते। उन्‍होंने अपने कारोबारी सफर का भी जिक्र किया है। उन्‍होंने कहा कि जितना वह पा चुके हैं, उसकी उम्‍मीद कभी नहीं की थी। हिसार से 17 साल की उम्र में जब वह दिल्‍ली आए तो उनके सामने संभावनाओं का समंदर था। उन्‍होंने इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बिजनस में हाथ डालने को गलती बताई। हालांकि, चंद्रा ने इस विफलता के पीछे कहा कि जिन लोगों पर उन्‍होंने भरोसा किया वे सही नहीं थे।

दिग्‍गज कारोबारी मुताबिक, उन्‍होंने 12 नए वेंचर शुरू किए। इनमें से 6 सफल हुए। 6 फेल हुए। जो 6 सफल हुए उनके बारे में भी लोग कहते थे कि फेल हो जाएंगे। लेकिन, उन्‍हें यकीन था कि सबके साथ ऐसा नहीं हो सकता है। जी के मुखिया ने बताया कि अगर आप हर जगह आंख-कान खुले रखते हैं तो आपको समस्‍याएं दिखती हैं। ये समस्‍याएं बिजनेस आइडिया देती हैं। पूरे स्‍टॉर्टअप इकोसिस्‍टम की उपज में यही है।

Dr Subhash Chandra: डॉ. सुभाष चंद्रा ने स्‍वीकार किया बिजनस में उनकी एंट्री पूरी तरह कानूनी मानकों पर खरी नहीं थी। जी एंटरटेनमेंट जो पहले जी टेलीफिल्‍म थी, उसका जिक्र करते हुए उन्‍होंने यह बात कही। उन्‍होंने कहाकि इसके पीछे उस समय की नीतियां जिम्‍मेदार थीं। इंडियन टेलीग्राफ एक्‍ट में विदेशी सैटेलाइट से देश में प्रसारण की मनाही थी। प्राइवेट सेक्‍टर को सैटेलाइट ओनरशिप पर रोक थी। लालफीताशाही थी। लाइसेंसराज था। हालांकि, अब युवाओं को पॉलिसी में लूपहोल तलाशने की ज़रूरत नहीं है।

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