NCP MEET: महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब दो गुटों में बंटी NCP में घमासान जारी है। शरद पवार गुट और अजित पवार ग्रुप दोनों अपनी ताकत दिखाने के लिए बैठकें कर रहे हैं। और एनसीपी पर अपना हक़ जता रहे हैं।
NCP MEET: 2 जुलाई को 8 विधायकों के साथ शपथ लेने के बाद अजित पवार और बाकी बागियों को शरद पवार ने NCP से निकाल बाहर किया था। इसके बाद अजित पवार ने मुंबई में मंत्रालय के सामने अपने नए पार्टी दफ्तर का ऐलान किया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट मीटिंग में भी शामिल हुए।
NCP MEET: इसके बाद अजित पवार ने सभी NCP सांसदों, विधायकों, विधानसभा परिषद के सदस्यों, पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं से लगातार बैठकें कर रहे हैं। उनका पूरा सपोर्ट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
NCP MEET: शरद पवार ने भी वाईबी चव्हाण सेंटर यानी NCP दफ्तर में पार्टी की मीटिंग की। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद रहीं। NCP के दोनों गुटों के अलावा शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस ने भी बैठकें बुलाईं।
NCP MEET: महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार और NCP के उनके सहयोगी मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार कैबिनेट बैठक में शामिल हुए।
इस बीच अजीत के ऑफिस में अपनी तस्वीर लगाए जाने के बाद शरद पवार का बयान आया कि जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
NCP संकट पर शरद पवार गुट के क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, “अजित पवार गुट कानूनी दांवपेच चल रहा है। हमें अपना काम करना होगा। NCP का मतलब अब भी शरद पवार ही है, घड़ी का चुनाव चिह्न भी उनके पास है और वे अभी भी पार्टी के एक्टिव प्रेसिडेंट हैं।”
महाराष्ट्र के पूर्व CM-कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- NCP के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजित पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच सकते हैं। अगर 35 से कम रहे तो निलंबन तय है।
NCP MEET: शिवसेना उद्धव गुट की मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार अकेले नहीं पड़े हैं, हम उनके साथ है। वे बाला साहब ठाकरे जैसे ही हैं। एकनाथ शिंदे के पास कभी भी बारगेनिंग पावर नहीं थी। जो गुलाम होता है उसके पास पावर नहीं रहता है।
सातारा में सोमवार को हुई रैली में शरद पवार ने कहा- भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। हमारे कुछ लोग भाजपा का शिकार हो गए। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी।
NCP MEET: शरद बोले- बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं। वहां अजित पवार खेमे से कई लोग होंगे, जिनका कहना है कि उनकी विचारधारा NCP से अलग नहीं है और वे अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे।
उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा था कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने NCP छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि NCP के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मेजॉरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए।
NCP MEET: शरद पवार ने कहा कि फिर जनता के बीच जाएंगे। यानी वे हारे नहीं हैं। NCP ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें।
अजित खेमे का दावा है कि NCP के मौजूदा 53 में 40 विधायकों का समर्थन है। शिंदे मामले में चुनाव आयोग ने संख्या देखते हुए शिंदे गुट के पक्ष में फैसला दिया था।
NCP MEET: इस कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
NCP MEET: शिंदे गुट की उपयोगिता कम हुई है। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत 145 पर है। शिंदे-फडणवीस सरकार के पास 160 का आंकड़ा था। अब 35 NCP विधायक हैं। भाजपा-शिवसेना के 10-10 मंत्री हैं। 23 पदों में 9 NCP के हो गए हैं। भाजपा ने शिंदे को 5 मंत्री हटाने का सुझाव दिया था।