मणिपुर हिंसा पर पीएम NARENDRA मोदी को ज़वाब देने के लिए मज़बूर करेगा समूचा विपक्ष
NDA VS INDIA: संसद के मॉनसून सत्र लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूर कर लिया। अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पेश किया। स्पीकर ने कहा कि इस पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय होगा। विपक्ष अड़ा हुआ है कि मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बयान दें।
NDA VS INDIA: मोदी सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद प्रधानमंत्री का भाषण होगा। यानी बहस के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर वे लड़ाई जीत लेंगे। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था।
NDA VS INDIA: पहला अविश्वास प्रस्ताव नेहरू सरकार के खिलाफ 1963 में जेबी कृपलानी लाए थे। तब से अब तक 26 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं और सिर्फ 3 बार ही सरकार गिरी है। वीपी सिंह 11 महीने प्रधानमंत्री रहने के बाद 1990 में, एचडी देवेगौड़ा 1997 में और अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में अविश्वास मत हारे थे।
NDA VS INDIA: एक ओर संसद में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया। विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंज़ूरी दे दी। प्रस्ताव कब होगा, इसका फैसला पार्टियों से बातचीत के बाद तय होगा।
NDA VS INDIA: इस बीच, सूत्रों ने बताया कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की है। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे। संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा में लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव मंज़ूर हो गया।
NDA VS INDIA: गौर करें तो बीजेपी की लोकसभा में फिलहाल 301 सीटें हैं। जबकि कांग्रेस की 50 सीटें हैं। 2014 में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा की सहयोगी दलों को मिला लें तो ये आंकड़ा बढ़कर 336 हो गया था। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक और बड़ी जीत हासिल की। 2019 में भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए के खाते में कुल 352 सीटें आईं थीं। वहीं, यूपीए को केवल 91 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
NDA VS INDIA: 2019 में किसे कितनी सीटें?
एनडीए 352
भाजपा 303
शिवसेना 18
जेडी(यू) 16
एलजेपी 06
अपना दल 02
अकाली 02
एआईडीएमके 01
अन्य 04
यूपीए 91
कांग्रेस 52
डीएमके 23
एनसीपी 05
आईयूएमएल 03
जेकेएनसी 03
अन्य 05
अन्य 99
टीएमसी 22
वाईएसआरसीपी 22
बीजेडी 12
बीएसपी 10
टीआरएस 09
एसपी 05
निर्दलीय 03
अन्य 16
NDA VS INDIA: इस तरह से एनडीए के खाते में 352 सीटें आईं थीं, जबकि विपक्ष को 190 सीटें मिली थीं। अगर विपक्ष के 15 दल एक साथ आ गए तो भाजपा की चुनौतियां करीब 100 सीटों पर बढ़ जाएंगी। ये वो सीटें हैं, जहां 2019 चुनाव में भाजपा ने कुछ सौ से लेकर 50 हजार वोटों तक से जीत हासिल की थी।
NDA VS INDIA: विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है।
NDA VS INDIA: मणिपुर मुद्दे पर हंगामे को लेकर राज्यसभा के सभापति ने आप सांसद संजय सिंह को पूरे मॉनसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की थी। सभापति के बार-बार करने पर भी संजय सिंह अपनी कुर्सी पर नहीं गए थे, जिसके चलते यह कार्रवाई हुई थी। अब समूचा विपक्ष भी इसको लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
NDA VS INDIA: समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने संसद में कहा, “मैं इससे ज्यादा क्या कह सकती हूं कि मणिपुर की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, लेकिन हमारे देश में नहीं…यह शर्म की बात है।”
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