Nag Panchami Bhartiya Sanskriti: अद्भुत है भारतीय संस्कृति। यहाँ शत्रुओं की भी पूजा का विधि-विधान है। सदियों से चली आ रही परंपरा है। मानव का एक सबसे बड़ा शत्रु सर्प है। नाग पंचमी जैव संरक्षण का एक सुन्दर उदाहरण है जो भारतीय संस्कृति में देखने को मिलता है।
Nag Panchami Bhartiya Sanskriti: भारतीय संस्कृति अतुल्य है, अद्भुत है जहां शत्रुओं की भी पूजा का विधान है। भारतीय संस्कृति एक ऐसा संगम है जहां शत्रुओं का स्वागत किया जाता है और उन्हें आदर्शित किया जाता है। यह आदर्श शत्रुता की अद्वितीय पहचान है और भारतीय संस्कृति को अनूठा बनाता है। मानव का एक सबसे बड़ा शत्रु सर्प है। यह पूर्वी और पश्चिमी संस्कृति में भी देखा जा सकता है, लेकिन भारतीय संस्कृति में सर्पों को विशेष महत्व दिया जाता है।
नाग पंचमी उन्हें समर्पित है, जो एक जीवन्त उदाहरण है जो जानवरों की संरक्षा के लिए भारतीय संस्कृति में प्रचलित है। यह दिखाता है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की हिफाजत करने में सक्षम हैं।
Nag Panchami Bhartiya Sanskriti: लोक समाज सदैव प्रकृति के रहता है और उसकी पूजा करता है। भारतीय संस्कृति में, प्रकृति एक महत्वपूर्ण आधार है और हर जीव को महत्व दिया जाता है। यह संदेश देता है कि हमें प्रकृति का साथ देना चाहिए और इसकी रक्षा करनी चाहिए। नाग जहां एक ओर मानव का शत्रु है वहीं दूसरी ओर वह किसानों का मित्र है। चूहा किसानों का शत्रु है और सर्प उसका भक्षण करता है। इसलिए, सर्प को किसानों की मदद करने का रोल निभाना भी है।
Nag Panchami Bhartiya Sanskriti: भारतीय संस्कृति में जीवों के सामंजस्य का एक सुन्दर उदाहरण शिव जी का परिवार है। इस परिवार में नन्दी, सर्प, शेर, चूहा और मोर एक साथ रहते हैं, जो एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति में सभी प्राणियों का सम्मान है और सभी को एक साथ जीने की प्रेरणा देता है।
इसके अलावा, भारतीय संस्कृति में नाग पंचमी भी जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की दीवारों पर सर्पों का चित्र बनाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। यह एक सुंदर रीति है जो जीवों के साथीत्व और प्राकृतिक संरक्षण की महत्वता को दर्शाती है।
Nag Panchami Bhartiya Sanskriti: भारतीय संस्कृति को उसके पर्व और त्यौहारों के लिए भी जाना जाता है। इन पर्वों और त्यौहारों की विविधता, रंग-बिरंगे रस्मों, धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं के जलवे की वजह से इसे पूरी दुनिया में अनोखा बनाता है। इन अद्वितीय पर्व और त्यौहारों के माध्यम से, भारतीय संस्कृति जीवन, आनंद और एकता की महत्वपूर्ण मूल्यों को साझा करती है।
सामान्य भाषा में इसे यूं समझ सकते हैं।
१. भारतीय संस्कृति अतुल्य है, जहां शत्रुओं की भी पूजा का विधान है।
२. मानव का एक सबसे बड़ा शत्रु सर्प है।
३. नाग पंचमी जैव संरक्षण का एक सुन्दर उदाहरण है, जो भारतीय संस्कृति में देखने को मिलती है।
४.लोक समाज सदैव प्रकृति के रहता है और उसकी पूजा करता है।
५. नाग जहां एक ओर मानव का शत्रु है। वहीं दूसरी ओर वह किसानों का मित्र है, क्योंकि चूहा किसानों का शत्रु है और सर्प उसका भक्षण करता है।
६. भारतीय संस्कृति में जीवों के सामंजस्य का एक सुन्दर उदाहरण शिव जी का परिवार है जहां नन्दी, सर्प, शेर, चूहा, मोर एक साथ रहते हैं जो एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं।
७.अवध में बड़े पैमाने पर नाग पंचमी का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। लोक समाज इस दिन अपने घरों की दीवारों पर सर्पों का चित्र बनाता है और उसकी पूजा करता है।
८. भारतीय संस्कृति अपने पर्व और त्योहारों के लिए जानी जाती है जो सम्पूर्ण विश्व में अनोखी है।
लेखक: डॉ. शालिक राम पाण्डेय, पर्यटन अध्ययन संस्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय