पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की दो टूक
प्रधानमंत्री मोदी ने डरकर कृषि कानून वापस लिए
अब नरेंद्र मोदी डर की वजह से गुरुद्वारों में जाते हैं
आदमी अपने स्टैंड, बोली से जिंदा रहता है
इस्तीफा जेब में रखकर पीएम से मिलने गया
पीएम ने कहा धरनेवाले चले जाएंगे, कुछ नहीं होगा
सिखों का ख़ौफ़ स्व. पीएम इंदिरा गाँधी को भी था
जिन लोगों को जान की इतनी परवाह हो वह देश नहीं चलाते
सिखों के मामले में इतना डराया कि वो पीला पटका माथे पर लगाने लगे
राजस्थान में तो बीजेपी की सरकार दूर-दूर तक नहीं आएगी
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति रिटायर होंगे तो कुत्ता भी रास्ता नहीं छोड़ेगा
Satyapal Malik Narendra Modi: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। मलिक ने कहा- मोदी ने डरकर कृषि कानून वापस लिए हैं। अब वे डर की वजह से ही गुरुद्वारों में जाते हैं। जिस वक्त किसान आंदोलन हुआ, उस वक्त मैं मेघालय का गवर्नर था। उस दौरान मैंने 10 दिन तक विचार किया कि कुछ बोलना चाहिए या नहीं। मुझे कई लोगों ने समझाया कि आप राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति हो जाओगे, क्यों झगड़ा करते हो। लेकिन मैंने कहा था कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति रिटायर होंगे तो कुत्ता भी रास्ता नहीं छोड़ेगा।
सीकर के सूतोद गांव में आयोजित कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक के साथ नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित तमाम अन्य जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की।
सोमवार दोपहर मलिक सीकर के सूतोद गांव में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में उन्होंने कहा- इस वक्त देश में जबरदस्त लड़ाई है। वह किसी को दिख रही है तो किसी को नहीं दिख रही। सरकार की तरफ से किसान और किसान कौमों, जमीन, रोजगार और जवानों पर हल्ला बोला जा चुका है। हमारी फसल का दाम नहीं दे रहे हैं।
मलिक ने कहा- आदमी अपने स्टैंड, बोली से जिंदा रहता है। और मैं आखिरकार अपना इस्तीफा जेब में रखकर पीएम से मिलने गया। मेरा उनसे 5 मिनट में झगड़ा हो गया, क्योंकि वे बहुत घमंड में थे। मैंने कहा था कि किसान 4 महीने से पड़े हैं। उनसे बात कर लीजिए। उन्होंने कहा कि चले जाएंगे, कुछ नहीं होगा। उस वक्त मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने कहा कि न आप सिखों को जानते हैं और न जाटों को। यह तब जाएंगे जब आप चले जाओगे। मैंने उन्हें बताया कि सिखों के गुरु महाराज ने अपने 4 साहबजादे खपा दिए, लेकिन समझौता नहीं किया। यह तो हमारे वाले हैं जो हर छ्ठे महीने लाल किले पर चढ़े रहते थे। इन्होंने अकबर की कब्र खोदकर उसका दाह संस्कार कर दिया था। ऐसी कौमों से लड़ा नहीं जाता, बल्कि बातचीत की जाती है। फिर 2 महीने बाद में ही उन्होंने माफी मांग कर काले कानून वापस लिए, क्योंकि मैंने उन्हें सिखों के मामले में तो इतना डरा दिया था कि उसके बाद तो वह पीला पटका माथे पर लगाने लगे।
पूर्व राज्यपाल ने कहा- मैंने नरेंद्र पीएम को बताया कि जब इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार किया तो उसके बाद अपने फार्म पर 4 महीने तक महामृत्युंजय का यज्ञ करवाया। अरुण नेहरू मेरे दोस्त थे। उन्होंने मिसेज गांधी को कहा कि बुआ आप तो यह मानती ही नहीं थीं तो मिसेज गांधी ने जवाब दिया कि तुम्हें पता नहीं कि जिन्होंने इनका स्वर्ण मंदिर छू लिया वह आज जिंदा नहीं हैं। यह मुझे मारेंगे और वही हुआ। जनरल वैद्य मारे गए, जनरल माइकल डायर मारा गया। जिसने इस कौम पर हाथ डाला, वह बचा नहीं है।
उस डर में यह कानून वापस हुए ना कि समझाने से। अब तो वह सब गुरुद्वारों में जाते हैं और बैठते हैं। मैंने एक शेर सुना था कि कयामत यकीनन करीब आ गई है। खुमार अब तो मंदिर और मस्जिद में जाने लगे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुद्वारों में जाने लगे हैं, लेकिन डर की वजह से। श्रद्धा की वजह से नहीं। क्योंकि पंजाब में एक दिन उनका काफिला रोक दिया गया। वह किसी ने जानबूझकर नहीं रोका था। वहां सिखों का एक जुलूस जा रहा था। उसकी वजह से इनका काफिला आधे घंटे तक रुक गया। इससे वह इतने घबराए हुए थे कि एयरपोर्ट पर आकर अफसर से कहा कि मुश्किल से जान बची है। तो जिन लोगों को जान की इतनी परवाह हो वह देश नहीं चलाते।
मलिक ने कहा- हमारे यहां तो एक समय ऐसा भी था जब हमारे दूल्हे को घोड़ी नहीं चढ़ने देते और बारात नहीं निकलने देते, लेकिन अब हमारी बच्ची आईएएस होकर जाती है तो उन्हें जागीरदार और रजवाड़े बाहर आकर सलाम करते हैं। उन्हें बैठने की जगह देते हैं। दहेज जैसी प्रथाओं को छोड़ो और अपने बच्चों को बढ़िया से बढ़िया स्कूल और कॉलेज में पढ़ाओ।
कार्यक्रम से पहले मलिक ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा- सीकर के सूतोद में वीर तेजाजी की सबसे बड़ी मूर्ति लगने वाली है। एक हॉस्टल बनने वाला है। उसके शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं। मलिक ने कहा कि राजस्थान में तो बीजेपी की सरकार दूर-दूर तक नहीं आएगी। 2024 में मोदी दिल्ली से हट जाना चाहिए। वह 100 फीसदी हट जाएगा।