Bihar Politics 2024: ठंड के बीच बिहार में सियासी पारा उबाल पर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश एक बार फिर पाला बदलने की तैयारी कर चुके हैं। जिस तरह से नीतीश और तेजस्वी में दूरियां बढ़ती दिख रही उससे साफ है कि सूबे में खेला होने के आसार हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 28 जनवरी को बीजेपी की ओर से नीतीश के लिए दरवाजा खुल सकता है। ऐसी चर्चा है कि जेडीयू मुखिया नीतीश कुमार एनडीए की सरकार में फिर सीएम पद संभाल सकते हैं, वहीं बीजेपी 2020 की तर्ज पर दो डिप्टी सीएम रख सकती है।
उधर नीतीश कुमार के पूरे गेम प्लान को लालू यादव की पार्टी आरजेडी आसानी से पूरा नहीं होने देने वाली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बिहार विधानसभा में स्पीकर का पद अभी आरजेडी के ही पास है। अगर ऐसा कुछ होता है तो स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर सबकी नज़रें रहेंगी।
बिहार में बदली सियासत को लेकर जेडीयू की रविवार को विधायक दल की बैठक है। नीतीश की पार्टी के विधायक और सांसद रविवार को सीएम आवास पर मिलेंगे और उसी शाम या सोमवार को नई सरकार पर फैसला हो सकता है।
उधर बीजेपी सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में कभी किसी के लिए दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं। नीतीश कुमार और जेडीयू के संबंध में हमारा केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। राज्य इकाई उनके फैसले का पालन करती है।
बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस ने आज अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है, जबकि आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने नीतीश से भ्रम की स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है।
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कभी भी भ्रम में नहीं रहते हैं और फ्रंट फुट पर राजनीति करते हैं। अगर कोई भ्रमित है, तो यह उनकी समस्या है। हम स्पष्ट हैं। इसी जुबानी जंग के बीच सबकी निगाहें बिहार विधानसभा अध्यक्ष पर हैं, जो लालू की पार्टी राजद से हैं।
अभी बिहार असेंबली स्पीकर की जिम्मेदारी आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी निभा रहे हैं। सूबे के सियासी समीकरण को समझें तो ऐसी चर्चा है कि अगर बहुमत वाला खेल हुआ तो स्पीकर कोई बड़ा रोल अदा कर सकते हैं। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि आप लालू यादव के सियासी दांव-पेंच को खारिज नहीं कर सकते। स्पीकर के पास अपार शक्ति है और अगर लालू यादव कुछ जेडीयू और एनडीए विधायकों (मांझी की पार्टी के) को तोड़कर एक अलग गुट बनाने में सफल हो जाते हैं, तो सरकार में बदलाव हो सकता है।
बिहार विधानसभा में अभी किसी पार्टी के कितने विधायक वो इस प्रकार है। सूबे में विधानसभा की कुल 243 सीट है। इसमें बहुमत का आंकड़ा 122 का है। जेडीयू के बिना महागठबंधन के पास 115 विधायक हैं। इनमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16 और एआईएमआईएम के एक विधायक शामिल हैं। वहीं नीतीश के बीजेपी संग जाने पर एनडीए के पास 128 विधायक होंगे। बीजेपी के पास 78, जेडीयू 45, मांझी की HAM के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं।