अमित शाह और पीएम मोदी आवास की सुरक्षा कड़ी की गई
Farmers Protest Security: सरकार की नाक में दम किए किसानों पर लाठीचार्ज, हिरासत, आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ रबड़ की गोलियां चलाने के आदेश दिए गए है। आंदोलनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में घुसने के लिए आमादा हैं।
Kisan Andolan: बॉर्डरों के अलावा नई दिल्ली जाने वाले मार्गों पर 24 घंटे चेकिंग की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार किसानों से सख्ती से निपटने के आदेश मिले हैं। किसी भी हाल में किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
पुलिसकर्मियों के अलावा रिजर्व फोर्स भी तैयार की गई है। फिलहाल, थानों में ही रहने के आदेश दिए गए हैं। बॉर्डरों की सुरक्षा की कमान विशेष पुलिस आयुक्त ने संभाल रखी है। पुलिस को सख्त आदेश है कि नई दिल्ली जिले में किसी भी किसान को घुसने नहीं दिया जाए।
बॉर्डरों के अलावा नई दिल्ली जाने वाले मार्गों पर 24 घंटे चेकिंग की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार किसानों से सख्ती से निपटने के आदेश मिले हैं। किसी भी हाल में किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर लाठीचार्ज, हिरासत, आंसू गैस के गोले छोड़ने व रबड़ की गोलियां चलाने के आदेश दिए गए हैं। जंतर-मंतर के अलावा संसद भवन, गृहमंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा को भी कड़ा कर दिया गया।
गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, राजस्थान, नोएडा, फरीदाबाद व हरियाणा के पुलिस अधिकारियों से बात कर सहयोग लिया जा रहा है। हर वाहन को चेक करने के बाद ही दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने कुछ थानों में 15 से ज्यादा डिटेशन सेंटर बनाए हैं। जिस जगह पर किसान हिरासत में लिए जाएंगे, उस जगह के विपरीत उन्हें डिटेशन सेंंटर में बंद किया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां किसानों को रोकने के लिए पांच लेयर की सुरक्षा की गई है। किसानों को सबसे पहले दोहरी लेयर के जर्सी बेरिकेड से गुजरना होगा। इसके पीछे बड़े-बड़े पत्थर रखे गए हैं।
इसके बाद फिर से जरसी बेरिकेड हैं जिन पर कटीले तार लगाए गए हैं। इसके अलावा रेत व मिट्टी से भरे कंटेनर को रखकर रास्ते को बंद कर दिया गया है। इन सुरक्षा के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
वहीं, सिंघु बॉर्डर पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि यह औद्योगिक क्षेत्र है। यहां बड़ी संख्या में छोटे-बड़े संस्थान हैं जिनमें हजारों की संख्या में लोग काम करते हैं।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सभी संस्थानों को बंद करवा दिया गया है। यहां काम करने वालों को एक बार फिर से डर सता रहा है कि यदि पिछली बार की तरह किसानों का प्रदर्शन एक साल से अधिक समय तक चला तो उनकी रोजी-रोटी खत्म हो जाएगी।
दोपहर तीन बजे बॉर्डर पर स्थित फ्लाईओवर से तीन एंबुलेंस निकलीं। दो में मरीज, जबकि एक एंबुलेंस में शव था। पुलिस का कहना है कि जहां तक संभव हो पा रहा है लोगों को सुविधा देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बुधवार से सख्ती होगी।
हरियाणा के गांव से बॉर्डर पर पहुंचे विरेंद्र सिंह ने कहा कि वह भी किसान हैं, लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हैं। किसान महज राजनीति कर रहे हैं। यही कारण है कि चुनाव से पहले उन्होंने ऐसा प्रदर्शन शुरू किया है। यदि वह किसानों की हित को ध्यान में रखकर प्रदर्शन करते तो समर्थन भी मिलता, लेकिन हरियाणा का किसान उनके साथ नहीं है।
सिंघु बॉर्डर सील होने के कारण लोगों को पैदल ही लंबा सफर तय करना पड़ा। लोगों को सिर पर ही सामान रखकर जाना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हुई। कुलप्रीत ने बताया कि वह बॉर्डर के पास शोरूम में काम करती है, लेकिन बंद के कारण पुलिस ने जाने नहीं दिया। काफी देर तक घूमने के बाद दो किमी का सफर तय कर मौके पर पहुंची।