Priyanka Gandhi Waynad: कांग्रेस ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही केरल की पलक्कड़ विधानसभा सीट से राहुल ममकूटाथिल और चेलक्करा (SC) से राम्या हरिदास को भी उम्मीदवार बनाया गया है।
चुनाव आयोग द्वारा वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के बाद, कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केरल से लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी दे दी है।
इस घोषणा के अनुसार, प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड से, राहुल ममकूटाथिल को पलक्कड़ से, और राम्या हरिदास को चेलक्करा (SC) से उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि वायनाड लोकसभा सीट और अन्य 47 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
राहुल गांधी की विरासत और प्रियंका की उम्मीदवारी
लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी और रायबरेली सीट को बरकरार रखा। अब वायनाड से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। अगर प्रियंका गांधी यह उपचुनाव जीत जाती हैं, तो गांधी परिवार के तीनों सदस्य—सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी—पहली बार संसद में होंगे।
जब राहुल गांधी ने वायनाड सीट खाली की, तभी कांग्रेस ने संकेत दिया था कि प्रियंका गांधी वहां से उपचुनाव लड़ेंगी। राहुल ने रायबरेली सीट को इसलिए चुना क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का लंबा और मजबूत इतिहास रहा है। 1977, 1996 और 1998 को छोड़कर, कांग्रेस ने यहां हमेशा जीत दर्ज की है। राहुल के दादा-दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी, भी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
गांधी परिवार की संसद में मज़बूत उपस्थिति
रायबरेली की सीट पर कांग्रेस का गहरा जुड़ाव है, जिसे पहले 2004 से 2019 तक सोनिया गांधी ने संभाला था। 2019 के चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन अमेठी में हार गए और केवल वायनाड में जीत हासिल की। वर्तमान में सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद हैं, और प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस का प्रभाव संसद में और बढ़ सकता है।
प्रियंका गांधी की वायनाड से उम्मीदवारी से कांग्रेस को उम्मीद है कि यह कदम पार्टी को एक व्यापक संदेश देगा और उत्तरी और दक्षिणी दोनों क्षेत्रों में उसकी उपस्थिति को मजबूत करेगा।