Aaj Ka Rashifal Aur Panchang 20 Octuber 2024।।🕉️।।
।।आज का पंचांग।।
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्…………………….1946
रवि……………………….दक्षिणायन
मास………………………….कार्तिक
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी………………………….द्वादशी
प्रातः 10.32 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
सूर्योदय………….प्रातः 06.30.16 पर
सूर्यास्त …………संध्या 05.50.35 पर
सूर्य राशि……………………….तुला
चन्द्र राशि……………………..कन्या
गुरु राशि………………………वृषभ
नक्षत्र…………………उत्तराफाल्गुनी
संध्या 06.28 पर्यंत पश्चात हस्त
योग………………………………इंद्र
प्रातः 07.37 पर्यंत पश्चात वैधृति
करण………………………….तैतिल
प्रातः 10.32 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु……………………..शरद
दिन………………………..मंगलवार
आंग्ल मतानुसार :-
29 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।
🕉️ तिथि विशेष -धन त्रयोदशी पर्व :-
धनतेरस दीपावली पञ्चपर्वा उत्सव अंतर्गत मनाई जाती है | जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं. देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली के पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का प्राकट्य हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है. कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है. इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं. दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं.
धनवंतरी जयंती :-
आविर्बभूव कलशं दधदर्णवाद्यः पियूषपूर्णममरत्व कृते सुराणाम |
रुग्जालजीर्ण जनता जनित प्रशंसो, धन्वन्तरिः सभगवान भविकाय भूयात ||
धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। भगवन धन्वन्तरी को भगवान विष्णु का रूप कहते हैं जिनकी चार भुजायें हैं। उपर की दोंनों भुजाओं में शंख और चक्र धारण किये हुये हैं। जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा दूसरे मे अमृत कलश लिये हुये हैं। इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है। इसीलिये धनतेरस को पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परम्परा भी है।
विशिष्ठ प्रयोग :-
. धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है ।
. संध्या के समय घर के मुख्य द्वार के बाहर एक पात्र में अन्न (खील/चावल) रखकर उसके ऊपर तिल्ली के तेल का चौमुखा दीपक (यमराज की निमित्त) जलाकर दक्षिणाभिमुख होकर उसका यथेष्ठ उपचार पूजन करे ।
पूजन का मन्त्र :
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।
धनत्रयोदशी ::
धनवंतरि पूजन, नूतन वाहन क्रय, स्वर्ण रजत क्रय, यंत्रादि क्रय, आभूषण इत्यादि
मुहूर्त :
प्रात: 10.45 से 12.09 तक लाभ
दोप. 12.09 से 01.33 तक अमृत
दोप. 02.57 से 04.21 तक शुभ
रात्रि 07.21 से 08.57 तक लाभ
बहीखाता निर्माण, आनयन मुहूर्त, गादी स्थापन, कुबेर पूजन :
सायं प्रदोष वेला |
यम दीपदान एवं श्रीपुजन –
संध्या 06.48 से 08.47 पर्यन्त
अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 11.47 से 12.32 तक ।
👁🗨 राहुकाल :-
दोप 02.58 से 04.22 तक ।
☸ शुभ अंक………………..1
🔯 शुभ रंग………………..लाल
उदय लग्न मुहूर्त :-
तुला
05:39:52 07:54:26
वृश्चिक
07:54:26 10:10:39
धनु
10:10:39 12:16:16
मकर
12:16:16 14:03:22
कुम्भ
14:03:22 15:36:55
मीन
15:36:55 17:08:07
मेष
17:08:07 18:48:52
वृषभ
18:48:52 20:47:31
मिथुन
20:47:31 23:01:13
कर्क
23:01:13 25:17:23
सिंह
25:17:23 27:29:12
कन्या
27:29:12 29:39:52
🚦 दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभकरें।
✡ चौघडिया :-
प्रात: 09.21 से 10.45 तक चंचल
प्रात: 10.45 से 12.09 तक लाभ
दोप. 12.09 से 01.33 तक अमृत
दोप. 02.57 से 04.21 तक शुभ
रात्रि 07.21 से 08.57 तक लाभ ।
📿 आज का मंत्र :-
॥ ॐ धन्वन्तरये नमः॥
|| ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: नमः ||
ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्व आमय विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुवे नम: ||
|| धन्वन्तरी स्तोत्रम् ||
ॐ शङ्खं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमम्भोजनेत्रम्॥
कालाम्भोदोज्ज्वलाङ्गं कटितटविलसच्चारूपीताम्बराढ्यम्।
वन्दे धन्वन्तरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम्॥
संस्कृत सुभाषितानि
श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) –
तेषामेवानुकम्पार्थ- महमज्ञानजं तमः ।
नाशयाम्यात्मभावस्थो ज्ञानदीपेन भास्वता ॥
अर्थात :
हे अर्जुन! उनके ऊपर अनुग्रह करने के लिए उनके अंतःकरण में स्थित हुआ मैं स्वयं ही उनके अज्ञानजनित अंधकार को प्रकाशमय तत्त्वज्ञानरूप दीपक के द्वारा नष्ट कर देता हूँ॥
🍃 आरोग्यं :-
गाजर खाने के फायदे :-
गाजर का जूस हमारे शरीर में विटामिन A की कमी को दूर करता है | इसकी कमी से आँखों की बीमारियाँ, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना आदि होतें हैं | विटामिन A हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है |
गाजर का जूस हमारी आँखों की रौशनी को बढ़ाता है|
जिन लोगो की प्रजनन प्रणाली में कमी होती है उन लोगो के लिए ये गाजर का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है|
चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर फेफड़ो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है।
आज का राशिफल
🐏 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
👫 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।
💁♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। माता को पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। व्यवसाय ठीक चलेगा, लेकिन धन के मामले में सावधान रहें। आय में निश्चितता रहेगा।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।
🏹 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज धनहानि की आशंका बन रही है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐠 राशि फलादेश मीन :-
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।
।।शुभम् भवतु।।
आप सभी को पंचप्रदीप दीपोत्सव के प्रथम आयाम “धन त्रयोदशी” की अनंत मंगल बधाई….
।।भारत माता की जय।। 🚩🚩
- साभार – पंडित राजेश मिश्र