Friday, October 18, 2024
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Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग में देखें शारदीय नवरात्र प्रतिपदा तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग में शारदीय नवरात्र प्रतिपदा तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल देखें।

आज का पंचांग (3 अक्टूबर 2024):
गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। हस्त नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग रहेगा।

  • शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 से 12:33 बजे तक रहेगा।
  • राहुकाल: दोपहर 13:37 से 15:05 बजे तक रहेगा।

हिंदू पंचांग:
पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है। यह समय और काल की सटीक गणना के लिए प्रयोग किया जाता है। पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है:

  1. तिथि
  2. नक्षत्र
  3. वार
  4. योग
  5. करण

3 अक्टूबर 2024 का विवरण:

  • तिथि: प्रतिपदा (26:57 तक)
  • नक्षत्र: हस्त (15:26 तक)
  • करण:
  • प्रथम करण: किमस्तोगना (13:38 तक)
  • द्वितीय करण: बावा (26:57 तक)
  • योग: इंद्र (28:13 तक)
  • सूर्योदय: 06:19
  • सूर्यास्त: 18:00
  • चंद्रमा: कन्या राशि
  • विक्रमी संवत: 2081
  • शक संवत: 1946
  • मास: आश्विन
  • शुभ मुहूर्त: अभिजीत 11:46 से 12:33

पंचांग के पांच अंग:

  1. तिथि: यह चंद्रमा के सूर्य से 12 अंश ऊपर जाने के समय को दर्शाती है। एक महीने में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में विभाजित होती हैं।
  • प्रमुख तिथियां: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।
  1. नक्षत्र: आकाश में तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं।
  • नक्षत्र के नाम: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
  1. वार: सप्ताह के सात दिन – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
  2. योग: सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योग होते हैं।
  • प्रमुख योग: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति।
  1. करण: एक तिथि में दो करण होते हैं।

प्रमुख करण: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किस्तुघ्न।

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