OBC और SC-ST का कोटा बढ़ाने का शाह ने किया वादा
बोले-तेलंगाना की BRS सरकार को VRS देने का आया वक्त
Amit Shah Telangana: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को तेलंगाना के गडवाल और जोगुलाम्बा में दो चुनावी रैलियां कीं। शाह ने कहा कि अगर तेलंगाना में भाजपा की सरकार आती है तो राज्य में मुस्लिम आरक्षण खत्म किया जाएगा। OBC और SC-ST का कोटा और बढ़ाया जाएगा। तेलंगाना में 30 नवंबर को 119 सीटों पर वोटिंग होगी। 3 दिसंबर को रिजल्ट आएगा।
शाह ने राज्य के CM और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के मुखिया KCR पर तंज कसते हुए कहा- इनकी पार्टी BRS का मतलब ‘भ्रष्टाचार रिश्वत समिति’ है। इसका मतलब भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी है।
शाह ने कहा- मैं आप सभी से अपील करता हूं, तेलंगाना को 2जी, 3जी और 4जी पार्टियों से मुक्त करें और नरेंद्र मोदी को मौका दें। 2जी का मतलब मुख्यमंत्री KCR और उनके मंत्री बेटे KTR हैं, जो दो पीढ़ियों से सरकार चला रहे हैं। AIMIM 3जी पार्टी है। कांग्रेस 4जी पार्टी है। पहले जवाहरलाल नेहरू थे, फिर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अब राहुल गांधी।
शाह ने कहा- आगामी चुनाव तेलंगाना का भविष्य तय करेगा। यह आपको तय करना है कि आप पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार बनाना चाहते हैं या KCR के झूठ की सरकार। KCR सरकार ने झूठ बोलने में विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
गुरुमुगोंडा पुल को पूरा करने का वादा पूरा नहीं किया गया। पालामुडा सिंचाई योजना को पूरा नहीं किया गया। 300 बिस्तरों वाले मेडिकल कॉलेज का वादा किया गया था। कृष्णा नदी पर पुल नहीं बना। कोई वादा आज तक पूरा नहीं हुआ।
शाह ने रैली के दौरान कहा कि अगर भाजपा की सरकार बनती है तो हमारा मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की है। कांग्रेस और KCR दोनों पार्टियों ने टिकट देने में पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय किया। भाजपा ने सबसे ज्यादा टिकट पिछड़े वर्ग को दिए हैं।
मोदी जी के मंत्रिमंडल में पिछड़े वर्ग से 27 मंत्री हैं। मोदी जी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया है। कांग्रेस और टीआरएस दोनों ने पिछड़े वर्गों को धोखा दिया है। केसीआर ने तेलंगाना के युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा के साथ 3 दिसंबर को रिजल्ट घोषित होंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने 119 में से 88 सीटें जीतीं थीं। पार्टी को कुल 47.4% वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।