- प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हो रहा आयोजन
- संस्कृति विभाग के तहत ललित कला अकादमी की ओर से तैयार की गई है कार्यक्रमों की पूरी रूपरेखा
- अयोध्या धाम की प्रमुख दीवारों पर वॉल पेंटिंग कार्यशाला के साथ ही सरयू नदी के तट पर रेत शिल्प कार्यशाला का आयोजन
- राम बाल लीला, कलाकृतियों की प्रदर्शनी, मेंहदी एवं फूलों की वाटिका और फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रमों का भी हो रहा आयोजन
- 18 जनवरी से कार्यक्रमों ने पकड़ी गति, प्राण प्रतिष्ठा तक और इसके बाद भी अनवरत जारी रहेगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गतिविधियां
Ayodhya Sand Painting: योगी सरकार अयोध्या धाम में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानों पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कर रही है। इसकी जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को सौंपी गई है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाले ललित कला अकादमी की ओर से कार्यक्रमों की पूरी रूपरेखा तैयार की गई है। इसके तहत अयोध्या धाम की प्रमुख दीवारों पर वॉल पेंटिंग कार्यशाला, सरयू नदी के तट पर भगवान राम पर आधारित रेत शिल्प के अलावा राम बाल लीला, कलाकृतियों की प्रदर्शनी, मेंहदी एवं फूलों की वाटिका और फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 18 जनवरी से ये कार्यक्रम पूरी गति से शुरू हो चुके हैं और प्राण प्रतिष्ठा तक और इसके बाद भी यह अनवरत जारी रहने वाले हैं।
एयरपोर्ट, कलेक्ट्रेट और राम की पैड़ी मार्ग पर की जा रही वॉल पेंटिंग
Ayodhya Sand Painting: राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सीआरपीएफ की दीवार पर लगभग तीन हजार वर्गफीट, अयोध्या कलेक्ट्रेट भवन की दीवार पर लगभग 1500 वर्गफीट एवं राम की पैड़ी मार्ग पर स्थित सिंचाई विभाग के भवन की दीवार पर लगभग 1200 वर्गफीट के क्षेत्र में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लगभग 40 कलाकारों द्वारा वॉल पेंटिंग की जा रही है। इसके अलावा महर्षि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर महर्षि वाल्मीकि की ब्रांज की प्रतिमा, सूर्यकुंड पर भगवान सूर्य एवं गणेश कुंड पर भगवान गणेश की ओडिशा सैंड स्टोन की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। वहीं 18 जनवरी से भगवान राम एवं रामचरित पर आधरित भगवान राम की बाललीला, भगवान राम की गुरुकुल लीला, हनुमान लीला, ताड़का वध, सीता स्वयंवर, राम-जटायु मिलन, हनुमान सीता मिलन जैसे विभिन्न परिदृश्यों पर चित्रकला के साथ मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जो 26 जनवरी तक चलेगी। इसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 50 कलाकारों द्वारा 40 चित्रों एवं 10 मूर्तियों का सृजन किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के 10 जनपदों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली और लखनऊ में भगवान श्रीराम और उनके जीवन चरित्र पर आधारित होम स्टूडियो कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यशाला 1 फरवरी से 29 फरवरी के बीच होगी। कार्यशाला में चयनित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन अयोध्या धाम में किया जाएगा।
रेतशिल्प की कलाकृति से बनाएंगे विश्व कीर्तिमान
राज्य ललित कला अकादमी, संस्कृति विभाग की ओर से महिलाओं और बालिकाओं के लिए मेंहदी एवं फूलों की वाटिका कार्यशाला का आयोजन एशिया डेलफिक काउसिंल के सहयोग से किया जाएगा, जिसमें एक हजार कलाकार प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा रामोत्सव के कार्यक्रम के मद्देनजर प्रदेश एवं देश के फोटोग्राफी कलाकारों के लिए स्वतंत्र फोटोग्राफी प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरुआत 20 जनवरी को होगी और समापन 23 जनवरी को होगा। प्रतियोगिता में चयनित कृतियों की प्रदर्शनी अकादमी की ओर से रामकथा पार्क लगाई जाएगी। वहीं विजेता कलाकारों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इतना ही नहीं नयाघाट स्थित सरयू नदी के तट पर ओडिशा के अंतरराष्ट्रीय रेतशिल्प कलाकार पद्मश्री डॉ. सुदर्शन पटनायक अपने सात सहयोगी कलाकारों के साथ भगवान श्रीराम एवं रामचरित आधारित रेतशिल्प कला शिविर का आयोजन करेंगे, जिसे विश्व रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा।