Thursday, November 21, 2024
HomeINDIAD Gukesh: गुकेश ने रचा इतिहास, भारत को बादशाहत का मौका, विश्व...

D Gukesh: गुकेश ने रचा इतिहास, भारत को बादशाहत का मौका, विश्व खिताब जीतने का मौक़ा

D Gukesh: शतरंज में भारत की धाक और साख बढ़ रही है। हमारे खिलाड़ी दशकों पहले से ही विश्व चैंपियन बनते रहे हैं। क्लासिकल शतरंज की बादशाहत विश्वनाथन आनंद के पास रह चुकी है। आनंद ने पांच बार विश्व खिताब अपने नाम किया। अब एक बार फिर तमिलनाडु का 17 वर्षीय डोमाराजू गुकेश के विश्व शतरंज के सिंहासन पर विराजमान होने का मौका है।

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ यानी फीडे ने कनाडा के टोरंटो में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट किया। 64 खिलाड़ियों की पहली परीक्षा से निकलकर आए 8 ग्रैंडमास्टर इस श्रेष्ठता के संघर्ष में शामिल हुए। जिसमें गुकेश का दिमागी कौशल अपने से बाकी खिलाड़ियों पर भारी पड़ा। आठों ग्रैंडमास्टर एक-दूसरे के साथ दो बार खेले। 14 राउंड के बाद नौ अंकों से शिखर पर रहकर डी गुकेश ने इतिहास रच दिया।

17 वर्ष, 10 महीने और 24 दिन की उम्र में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले वे विश्व के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पारोव का रिकार्ड ध्वस्त किया। गैरी कास्पारोव ने 1984 में जब इस चैंलेंजर टूर्नामेंट को जीता था, तब उनकी आयु 22 साल की थी।

वहीं गौर करें तो कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में इस बार चुनौती देने वाले तीन भारतीयों में आर प्रज्ञानानंद और विदित गुजराती शामिल थे।

गुकेश ने इस शानदार प्रदर्शन से शतरंज विशेषज्ञों को भी सकते में ला दिया। बता दें कि तीनों भारतीय खिलाड़ियों के दावे को तो पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने सिरे से नकार दिया था।

गुकेश की जीतने की संभावना तो उन्होंने बिल्कुल नकार दी थी। यह कहा गया कि भारतीय खिलाड़ी न तो बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा और न बहुत खराब। कुछ बाजियां जीत सकता है पर अंक पांच से ज्यादा नहीं होंगे।

लेकिन उनके इस संदेह को भारतीय खिलाड़ियों ने दूर कर दिया। चुनौती भले ही व्यक्तिगत थी पर प्रज्ञनानंद और गुजराती ने भी जुझारू प्रदर्शन कर अंक झटके और गुकेश की राह आसान बनाई। गुजराती ने नकामूरा को दो बार शिकस्त दी। प्रज्ञानानंग ने नेपोमनियाश्ची को महत्त्वपूर्ण मुकाबले में ड्रा पर रोक दिया।

टूर्नामेंट में ज्यादातर समय अंक तालिका में शीर्ष पर नहीं रहे गुकेश अंत में आगे निकले और 14वें राउंड में नकामूरा से बाजी ड्रा खेलकर करिश्मा कर दिया। नौ अंकों के साथ वे नंबर वन रहे। उन्हें एकमात्र हार फ्रांस के नंबर वन खिलाड़ी फिरोजा से मिली।

बात अब गुकेश के सफर की। अगस्त 2013 में सिर्फ सात साल की उम्र में गुकेश रेटेड खिलाड़ी बन गए। 2015 में कैंडिडेट्स मास्टर और मार्च 2018 में इंटरनेशनल मास्टर बने। जनवरी 2019 में 12 साल, सात महीने और 17 दिन की उम्र में वह विश्व के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए। मात्र 17 दिन से वे विश्व रिकार्ड में चूके। यह रिकार्ड सर्जेइ कर्जाकिन के नाम था।

2022 में शतरंज ओलंपियाड में उन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। जुलाई 2023 में 2750 की ईएलओ रेटिंग पाने वाले वे सबसे युवा खिलाड़ी बने और फिर सितंबर में नंबर वन भारतीय खिलाड़ी बन गए। दिसंबर 2023 में उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वॉलीफाई किया।

गुकेश दूसरे भारतीय हैं जो कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर विश्व खिताब के लिए चुनौती देंगे। उनसे पहले विश्वनाथन आनंद यह कमाल कर चुके हैं। अब चीन की दीवार को गिराना उनके लिए पहला लक्ष्य है। फाइनल मुकाबल इसी साल होना है।

भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिभा और उनके चौंकाने वाले प्रदर्शन से चीनी खिलाड़ी भी वाकिफ हैं। अपनी उम्र से ज्यादा परिपक्व बताकर लिरेन ने गुकेश की तारीफ भी की है। अपने को लाभ की स्थिति में रखकर उन्होंने गुकेश को मुश्किल प्रतिद्बंद्बी कहा है। अब सभी की निगाहें इस मुकाबले पर टिकेंगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

Recent Comments