Sunday, January 19, 2025
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Ganesh Mantra: गणेश मंत्र के जाप से संकट टलने का सूझता है उपाय

Ganesh Mantra गणेश मंत्र

यह श्लोक और मंत्र भगवान गणेश की स्तुति के लिए हैं। इन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करने से जीवन में विघ्नों का नाश होता है और सुख, समृद्धि तथा सफलता प्राप्त होती है। इन मंत्रों का अर्थ और महत्व निम्नलिखित है:

  1. ॐ गं गणपतये नमः।
  2. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
  3. सिद्ध लक्ष्मी मनोहरप्रियाय नमः।
  4. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।
  5. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:।
  6. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
  7. श्री गणेशाय नम:।
  8. श्री सिद्धि विनायक नमो नम:।
  9. अष्ट विनायक नमो नम:।
  10. ॐ गजाननाय नमः।
  11. ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
  12. ॐ विघ्नराजाय नमः।
  13. ॐ विनायकाय नमः।
  14. गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
  15. ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम:।
  16. ॐ एकदंताय नमो नम:।
  17. ॐ लंबोदराय नम:।
  18. ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:।

यह श्लोक और मंत्र भगवान गणेश की स्तुति के लिए हैं। इन मंत्रों का अर्थ और महत्व निम्नलिखित है:

  1. ॐ गं गणपतये नमः।
    यह गणेश जी का मूल बीज मंत्र है। इसका उच्चारण गणेश जी की कृपा प्राप्त करने और विघ्नों को दूर करने के लिए किया जाता है।
  2. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।

    गणेश जी की स्तुति में यह प्रार्थना है कि वे अपने विशाल रूप और दिव्य प्रकाश से हमारे सभी कार्यों को बिना किसी विघ्न के पूर्ण करें।
  3. सिद्ध लक्ष्मी मनोहरप्रियाय नमः।
    यह मंत्र गणेश जी के साथ-साथ सिद्धि और लक्ष्मी देवी के आह्वान के लिए है।
  4. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।
    यह मंत्र सौभाग्य और हर जन्म में गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए है।
  5. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:।
    यह मंत्र गणेश जी से तुरंत कृपा प्राप्त करने के लिए है।
  6. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
    यह गणेश गायत्री मंत्र है, जो गणेश जी के ज्ञान और बुद्धि की कृपा पाने के लिए है।
  7. श्री गणेशाय नम:।
    यह सरल और शक्तिशाली मंत्र गणेश जी को समर्पित है।
  8. श्री सिद्धि विनायक नमो नम:।
    यह मंत्र सिद्धि विनायक (गणेश जी का एक रूप) को नमन करने के लिए है।
  9. अष्ट विनायक नमो नम:।
    महाराष्ट्र के आठ प्रमुख गणपति स्थानों (अष्टविनायक) को नमन।
  10. ॐ गजाननाय नमः।
    गणेश जी के गजानन स्वरूप को प्रणाम।
  11. ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
    गणेश जी के गणाध्यक्ष (समस्त गणों के नेता) स्वरूप को प्रणाम।
  12. ॐ विघ्नराजाय नमः।
    विघ्नों के नाशक गणेश जी को नमन।
  13. ॐ विनायकाय नमः।
    विनायक (गणेश जी) को नमन।
  14. गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
    गणेश गायत्री मंत्र, जिसमें भगवान गणेश के गजानन और वक्रतुंड स्वरूप का ध्यान कर उनका आशीर्वाद मांगा गया है।
  15. ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम:।
    गणपति जी को समर्पित यह मंत्र गणेश जी के प्रमुखता का ध्यान कर उनकी कृपा के लिए है।
  16. ॐ एकदंताय नमो नम:।
    गणेश जी के एकदंत स्वरूप को प्रणाम।
  17. ॐ लंबोदराय नम:।
    लंबोदर (गणेश जी का एक स्वरूप) को नमन।
  18. ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:।
    वक्रतुंड गणेश जी को प्रणाम।

इन मंत्रों को नियमित रूप से सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ जपने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है, जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि आती है।

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