India Allliance TMC: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने विपक्षी गठबंधन INDIA के भीतर अपनी अलग रणनीति साफ कर दी है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि वे बीजेपी को चुनौती देने के लिए गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे, लेकिन उनकी रणनीति कांग्रेस से अलग हो सकती है।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गए। गौतम अडानी के मुद्दे को लेकर विपक्षी सांसदों ने सरकार पर निशाना साधा, लेकिन इस मुद्दे पर TMC ने अलग रुख अपनाया है। पार्टी ने संसद को सुचारू रूप से चलाने और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की ज़रूरत पर जोर दिया।
TMC का रुख
बुधवार को TMC की बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “हम चाहते हैं कि संसद चले ताकि देश के लोगों के असल मुद्दों पर चर्चा हो सके।” उन्होंने यह भी कहा कि अडानी मामले पर हो रहे हंगामे की वज़ह से कई जरूरी मुद्दे चर्चा से वंचित रह रहे हैं। लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, “हम संसद को चलाना चाहते हैं। केवल एक मुद्दे को लेकर संसद को बाधित करना सही नहीं है। हमें सरकार की सभी विफलताओं पर चर्चा करनी चाहिए।”
महत्वपूर्ण मुद्दों पर TMC का जोर
TMC का कहना है कि संसद में मणिपुर की हिंसा, पूर्वोत्तर की स्थिति, बेरोजगारी, कुपोषण, और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाना चाहिए। पश्चिम बंगाल के अपराजिता (महिला सुरक्षा) बिल का उल्लेख करते हुए TMC ने कहा कि यह बिल राज्य विधानसभा से पास हो चुका है, लेकिन राज्यपाल द्वारा रोका गया है। पार्टी 30 नवंबर को इस मुद्दे पर राज्यव्यापी अभियान चलाएगी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास इस बिल को ले जाने की तैयारी में है।
INDIA गठबंधन में मतभेद
कांग्रेस जहां अडानी मुद्दे पर सरकार को घेरने में अग्रणी भूमिका निभा रही है, वहीं TMC का मानना है कि केवल एक मुद्दे पर अड़कर संसद को बाधित करना उचित नहीं है। बुधवार को विपक्षी सांसदों ने 18 स्थगन नोटिस दिए, जिनमें से नौ कांग्रेस ने अडानी मामले पर चर्चा के लिए दिए थे। जबकि अन्य विपक्षी दल मणिपुर, दिल्ली में बढ़ते अपराध, और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
TMC का कहना है कि वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहकर भाजपा को चुनौती देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं और रणनीति कांग्रेस से अलग हो सकती हैं।