Israel Iron Dome System: इज़राइल के नागरिकों ने कभी नहीं सोचा था कि उनकी रात हवाई हमलों के शोर के बीच गुजरेगी। अब सवाल उठता है कि जो इज़राइल अपनी वायु सीमा की सुरक्षा के लिए आयरन डोम सिस्टम की बात करता है, उसने ईरान के जोरदार हमले को कैसे नाकाम कर दिया?
गाजा युद्ध से प्रभावित पश्चिम एशिया के एक और मोर्चे पर हमलों का सिलसिला तेज हो गया है। हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्ला की मौत के बाद ईरान नाराज था और उसने मंगलवार रात इज़राइल पर 200 से अधिक मिसाइलें दाग दीं। हालांकि, इज़राइल के आयरन डोम ने ईरानी हमले को बुरी तरह असफल कर दिया। इसे दुनिया की सबसे प्रभावी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है।
इस समय इज़राइल अपने सबसे कठिन समय से गुजर रहा है। पहले हमास के आतंकवादी हमले ने देश को चौंका दिया, और अब ईरान ने भी हमला कर दिया। इज़राइल के लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि उनकी रात इस तरह से गुजरेगी। हर तरफ हवाई हमलों की आवाज़ें गूंजने लगीं, जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया।
माना जाता है कि इज़राइली सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है और उनके पास दुनिया की सबसे प्रसिद्ध खुफिया एजेंसी, मोसाद, भी है। बावजूद इसके, पहले हमास और अब ईरान ने हमले किए। हालांकि, ईरान अपने उद्देश्य में असफल रहा। इस बीच, आयरन डोम सिस्टम की काफी तारीफ हो रही है, जिसने इज़राइल की वायु सीमा की सुरक्षा की। अब सवाल उठता है कि आखिर यह सिस्टम कैसे काम करता है?
आयरन डोम सिस्टम को इज़राइल ने अमेरिका के सहयोग से राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम के तहत रॉकेट हमलों का मुकाबला करने के लिए विकसित किया। 2011 से इज़राइल इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। इज़राइली सेना और सरकार का दावा है कि आयरन डोम दुनिया का सबसे विकसित वायु रक्षा सिस्टम है, जिसका सफलता दर 90 प्रतिशत से भी अधिक है।
आयरन डोम सिस्टम के मुख्य रूप से तीन हिस्से होते हैं: पहला रडार, दूसरा लॉन्चर और तीसरा कमांड पोस्ट। रडार के जरिए सिस्टम यह निर्धारित करता है कि आसमान में दिखने वाली वस्तु खतरा है या नहीं। अगर यह खतरा महसूस होता है, तो आयरन डोम इंटरसेप्टर मिसाइल को लॉन्च करता है, जो रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर देती है। इस समय तामीर मिसाइलें आयरन डोम सिस्टम में उपयोग की जा रही हैं।
जहां से मिसाइलें लॉन्च की जाती हैं, उसे लॉन्चर कहा जाता है, जो या तो स्थिर होते हैं या मोबाइल होते हैं। स्थिर लॉन्चर एक ही जगह पर लगे रहते हैं, जबकि मोबाइल लॉन्चर को स्थानांतरित किया जा सकता है। मिसाइलें हवा में सीधी छोड़ी जाती हैं और अपने लक्ष्य की दिशा में बदल जाती हैं। इस बीच, कमांड पोस्ट से पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाती है।
हमास के बाद, ईरान लंबे समय से इज़राइल पर हमले की योजना बना रहा था, लेकिन इज़राइल ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखा है। जमीनी सीमाओं पर इज़राइली सैनिक पहरा देते हैं, जबकि वायु सीमा की सुरक्षा आयरन डोम करती है। पिछले साल अक्टूबर में हमास ने भी हवाई हमलों से शुरुआत की थी, लेकिन हर बार आयरन डोम की वजह से वह असफल हुआ।
हमास लगातार अपनी क्रूड रॉकेट तकनीक को उन्नत कर रहा था और इज़राइल के प्रमुख शहरों जैसे तेल अवीव और यरुशलम तक अपनी सीमा को बढ़ा चुका था। हालांकि, हमास के रॉकेट्स की तुलना में तामीर मिसाइलें महंगी थीं, लेकिन इज़राइल के लिए आयरन डोम का मूल्य इसकी लागत से कहीं अधिक था। यह सिस्टम कई बार साबित कर चुका है कि यह हवाई हमलों को नाकाम कर सकता है और लोगों की जान बचा सकता है।
2012 में हमास के साथ संघर्ष के दौरान, इज़राइल ने दावा किया था कि गाजा से दागे गए 400 रॉकेटों में से 85 प्रतिशत को आयरन डोम ने नष्ट कर दिया था। 2014 के संघर्ष में, जब हमास ने 4,500 से अधिक रॉकेट दागे थे, तब भी 90 प्रतिशत सफलता दर के साथ 800 से अधिक रॉकेटों को आयरन डोम ने हवा में ही तबाह कर दिया था।
2021 में, इज़राइल ने आयरन डोम सिस्टम को और उन्नत किया ताकि यह रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन खतरों को एक साथ नष्ट कर सके। मई 2021 में इज़राइल-फलस्तीन युद्ध के दौरान, दो सप्ताह में 4,500 से अधिक रॉकेट दागे गए, जिनमें से अधिकांश को आयरन डोम ने नष्ट कर दिया।