Taxpayers Data: भारत में सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई है.
IT TAXPAYERS: इंडीविजुअल इनकम टैक्स कलेक्शन में साल-दर-साल 27.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका श्रेय टैक्स रिफॉर्म और देश की आर्थिक विकास की तेज गति को दिया है.
Taxpayers Data: भारत में सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई है. ये संख्या ऐसेसमेंट ईयर 2023-24 में 2.16 लाख तक पहुंच गई है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में ये जानकारी दी है.
वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक 2019 के बाद से महत्वपूर्ण बढ़ोतरी के साथ ऊंची इनकम कमाने वालों में एक पॉजिटिव ट्रेंड देखा जा रहा है और ये आयकर रिटर्न फाइलिंग के आंकड़ों से साफ तौर पर पता चलता है.
इंडीविजुअल इनकम टैक्स कलेक्शन में साल-दर-साल 27.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका श्रेय टैक्स रिफॉर्म और देश की आर्थिक विकास की अच्छी गति को दिया है. इसके अलावा संसद में जानकारी दी गई है कि ‘प्रोफेशनल इनकम रिपोर्टिंग’ में भी बढ़ोतरी देखी गई है।
हर साल 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ गई है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बजट सत्र के दौरान लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक ये कहा है कि 31 दिसंबर, 2023 तक आकलन वर्ष 2023-24 के लिए यह संख्या 2.16 लाख से अधिक हो गई है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने ये भी बताया कि साल दर साल आधार पर देश में आयकर रिटर्न देने वालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इनमें भी एक करोड़ से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर्स का आंकड़ा ज्यादा गति से बढ़ा है. ये आंकड़ा ऐसेसमेंट ईयर 2019-20 में 1.09 लाख करोड़ रुपये पर रहा है जबकि ऐसेसमेंट ईयर 2022-23 में ये 1.87 लाख पर आ गया है.
26 अक्टूबर 2023 के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 7.41 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है जिसमें 53 लाख ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्होने पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने डेटा जारी किया है जिसमें मुताबिक 2013-14 एसेसमेंट ईयर के दौरान इनकम रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 3.36 करोड़ थी जो 90 फीसदी के उछाल के साथ 2021-22 एसेसमेंट ईयर के दौरान बढ़कर 6.37 करोड़ हो गई.