Nitish CM Oath: जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़कर फिर एनडीए का चोला पहन कर सीएम की शपथ ली।
रविवार सुबह नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंपा और बाद में बीजेपी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बिहार में बड़े सियासी घटनाक्रम में नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही महागठबंधन सरकार का अंत हो गया और नीतीश कुमार ने 9वीं बार CM पद की शपथ ली है.
नीतीश कुमार के साथ सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी शपथ ग्रहण किया है. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.
वहीं, डॉ. प्रेम कुमार (बीजेपी), विजय कुमार चौधरी (जेडीयू), बिजेंद्र प्रसाद यादव (जेडीयू), श्रवण कुमार (जेडीयू) संतोष कुमार सुमन (हम), सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय) मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण किया
नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए।
2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश सीएम बने।
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया।
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला।
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली।
2022 में एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का एलान कर दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।
1996 में नीतीश ने भाजपा से पहली बार गठबंधन किया था। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से पद छोड़ा और अटलजी की सरकार में केंद्र में रेल मंत्री बने।
1996 से 2013 तक नीतीश भाजपा के साथ रहे। जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे।
दूसरी बार वे 2017 में एनडीए में लौटे और भाजपा की मदद से सरकार बनाई।
2024 में अब वे तीसरी बार भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे भाजपा के साथ हैं।