Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में दो जून 2023 को हुए भारत के चौथे बड़े रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई। वहीं 1100 से अधिक यात्री घायल हुए। बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून की शाम हुए हादसे की सीबीआई जांच कर रही है।
रेलवे के मुताबिक ज्यादातर घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं कुछ गंभीर घायलों का इलाज चल रहा है। भारत के भीषणतम हादसों में से एक इस रेल ट्रैजडी में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थीं।
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़कर मंगलवार (6 जून) को 288 हो गई। ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने कहा, ”रेलवे की पटरी से निकालने वालों के मृतकों की लिस्ट, शव गृह की लिस्ट, अस्पतालों की लिस्ट और विभिन्न जिलों के कलेक्टर से रिपोर्ट लेने के बाद बालासोर के कलेक्टर ने बताया कि 288 लोगों की जान एक्सीडेंट में चली गई है”।
Odisha Train Accident: हादसे के बाद घटनास्थल पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहत कार्यों का जायजा लिया। वहीं PM मोदी ने भी मौके पर पहुंच कर हादसे के शिकार लोगों को हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। बता दें कि ओडिशा ट्रेन हादसा देश का चौथा सबसे बड़ा रेल हादसा है।
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 1100 से अधिक है। अस्पतालों में लावारिस शवों की संख्या को देखते हुए स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को मुर्दाघर में तब्दील कर दिया गया था। उधर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की सिफारिश पर रेल हादसे की सीबीआई जांच चल रही है।
Odisha Train Accident: दक्षिण पूर्व रेलवे ने बताया कि ओडिशा के बालासोर रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मृत्यु हो गई। साथ ही 1100 से अधिक यात्री घायल हुए। घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जहां से बहुतों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
Odisha Train Accident: रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलट गए। दूसरी तरफ से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस इनसे टकरा गई। इसके बाद दोनों ट्रेन की कुछ बोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ी। कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन और कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस एक जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।
वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था। लेकिन 7 बजे के करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।
इससे पहले 3 फरवरी 2009 को ओडिशा के जाजपुर जिले में ट्रैक बदलते समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी।
इसके अलावा 15 मार्च, 2002 को कोरोमंडल एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में हादसे का शिकार हुई थी। तब इसके 7 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 100 यात्री घायल हुए थे। 14 जनवरी 2012 को ओडिशा में लिंगराज स्टेशन के पास भी इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में आग लगी थी।
Odisha Train Accident: भारत के बड़े रेल हादसे
6 जून 1981 – बिहार में पुल पार करते समय एक पैसेंजर ट्रेन बागमती नदी में गिर गई। इस हादसे में 750 लोगों की मौत हो गई। यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बड़ा रेल हादसा है।
20 अगस्त 1995 – यूपी में फिरोजाबाद के बाद पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में 350 लोगों ने जान गंवाई थी।
2 जून 2023- ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस और और मालगाड़ी की भिड़ंत में 288 लोगों की मौत हुई। इस भीषण हादसे में 1100 यात्री घायल हुए।
2 अगस्त 1999- ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस दुर्घटना में 285 से अधिक लोग मारे गए।
26 नवंबर 1998- जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बे से टकरा गई थी। इस हादसे में 212 लोगोंं की मौत हुई थी।
7 जुलाई, 2011: उत्तर प्रदेश में एटा जिले के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस एक बस से जा टकराई थी। इस हादसे में करीब 70 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। यह हादसा मानव रहित क्रासिंग पर देर रात दो बजे हुआ था।
30 जुलाई, 2012: दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लगने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
26 मई 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी।
4 अगस्त, 2015: मध्यप्रदेश के हरदा के निकट कामायनी और जनता एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। इसमें 37 लोगों की मौत हुई थी। हादसा पटरी पर बारिश का पानी भरने से हुआ था।
20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास हादसे का शिकार हो गई थी। ट्रेन का इंजन और दो डिब्बे पटरी से उतर जाने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस 19321 कानपुर के पुखरायां के पास बेपटरी होने से कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई थी।
19 अगस्त, 2017: हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास हादसे का शिकार बनी थी। ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई थी।
23 अगस्त, 2017: दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस के 9 डिब्बे उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए थे। हादसे में 70 लोग घायल हुए थे।
13 जनवरी, 2022: पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी।
2 अप्रैल, 2023: यह एक अलग तरह का ट्रेन हादसा था। इसमें संभवत: सीट को लेकर हुए विवाद में केरल के कोरापुझा रेलवे पुल के पास अलप्पुझा-कन्नूर एग्जिक्यूविटव एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी। आरोपी शाहरुख सैफी ने ज्वलनशील लिक्विड उड़ेल कर सहयात्रियों को आग लगा दी थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
उधर मामले में रेल प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहाकि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अब हम रेस्टोरेशन का काम शुरू कर रहे हैं। इस रूट पर कवच उपलब्ध नहीं था। उन्होंने आगे कहाकि घायलों को अस्पताल में ही आर्थिक मदद दी जा रही है। रेलवे की तरफ से घायलों को अस्पताल में ही 50-50 हजार रुपए की मदद की जा रही है। वहीं अब इस रूट पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहाकि कोरोमंडल एक्सप्रेस में एंटी कोलिजन डिवाइस लगा होता तो ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को टाला जा सकता था। रेलवे के सिग्नलिंग कंट्रोल रूम की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता बनर्जी ने कहाकि दुर्घटना मानव त्रुटि का परिणाम हो सकती है, क्योंकि त्रासदी से कुछ मिनट पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ने गलत ट्रैक ले लिया था।
Odisha Train Accident: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहाकि कोरोमंडल एक्सप्रेस में एंटी कोलिजन डिवाइस लगा होता तो ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को टाला जा सकता था। रेलवे के सिग्नलिंग कंट्रोल रूम की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दुर्घटना मानव त्रुटि का परिणाम हो सकती है, क्योंकि त्रासदी से कुछ मिनट पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ने गलत ट्रैक ले लिया था।