Tuesday, November 26, 2024
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Subrata Roy No More| सुब्रत राय की थम गईं साँसें, 1978 में 15 सौ रुपए में की थी शुरुआत, 36 साल में कमाए ₹1.5 लाख करोड़! 

Subrata Roy No More: बॉलीवुड से लेकर राजनेताओं तक पहुंच रखने वाले सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा का आज मुंबई में निधन हो गया है। उनके निधन की खबर ने न केवल बिजनेस जगत को बल्कि इंडस्ट्री को भी गहरा सदमा दिया है। राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन और बॉलीवुड हस्तियों तक सभी उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। सहारा प्रमुख ने 75 साल की आयु में अंतिम सांस ली। वह उद्योग जगत के साथ ही बी-टाउन में भी पहचान रखते थे। आलम यह था कि उनके जीवन पर एक बायोपिक बनने वाली है, जिसका एलान कुछ समय पहले किया गया था।  

सुब्रत रॉय ने ग्रुप की शुरुआत सहारा बैंकिंग से की, जिसमें बड़ी तादाद में जमाकर्ताओं को जोड़ा। इसके बाद तो सहारा ग्रुप के निवेश के सेक्टर बढ़ते ही चले गए। रीयल एस्टेट कंपनी और हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन के जरिये बड़े स्तर पर देश भर में जमीन खरीदी, विकसित की और कई आवासीय योजनाएं शुरू की।

गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने वाला 30 साल का नौजवान 1978 में हजार-डेढ़ हजार रुपये से शुरुआत कर 36 सालों में डेढ़ लाख करोड़ से ऊपर का बिजनेस एंपायर खड़ा कर देता है। यह बिजनेस टाइकून कोई और नहीं बल्कि सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा हैं।

फाइनेंस, रीयल एस्टेट, मीडिया, हेल्थकेयर, एंटरटेनमेंट, कंज्यूमर गुड्स और टूरिज्म समेत कई क्षेत्रों में निवेश करने वाले सहारा का बिजनेस साम्राज्य विदेशों तक फैला हुआ है।

करीब 65 वर्षीय सुब्रत रॉय ने 1978 में सहारा ग्रुप बनाया। गोरखपुर से कारोबार की शुरूआत की। इसके बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई बार चर्चाओं में आए सुब्रत रॉय और सहारा ग्रुप का मुंबई में एंबे वैली सिटी, लंदन में ग्रॉसवर्नर हाउस, न्यूयार्क में न्यूयार्क प्लाजा होटल विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले स्वप्न लोक की तरह हैं। अपनी इस कामयाबी की वजह से टाइम मैग्जीन समेत कई पत्र-पत्रिकाओं के मुख्य प्रष्ठों पर जगह बनाने वाले सुब्रत रॉय के सहारा इंडिया परिवार का हेडक्वार्टर लखनऊ में है।

सुब्रत रॉय ने ग्रुप की शुरुआत सहारा बैंकिंग से की, जिसमें बड़ी तादाद में जमाकर्ताओं को जोड़ा। इसके बाद तो सहारा ग्रुप के निवेश के सेक्टर बढ़ते ही चले गए। रीयल एस्टेट कंपनी और हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन के जरिये बड़े स्तर पर देश भर में जमीन खरीदी, विकसित की और कई आवासीय योजनाएं शुरू की।

 लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, हैदराबाद, भोपाल, कोच्चि, गुड़गांव और पुणे आदि में सहारा ने आवासीय योजनाएं शुरू कीं। अमेरिकन बिल्डिंग कंपनी से गठजोड़ भी किया। हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं न्यूज और एंटरटेनमेंट चैनल तथा समाचार पत्र प्रारंभ किए। 

मुंबई में छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सहारा स्टार होटल के साथ-साथ विदेशों में भी होटल खोले। डेढ़ साल पहले रिटेल सेक्टर में क्यू शॉप की शुरुआत की। उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निवेश किया। एयर सहारा की भी शुरुआत की। एजूकेशन के क्षेत्र में सहारा ने हाथ जमाए और राजधानी में साहारा कालेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेंज की शुरुआत की।

लंबे समय तक भारतीय क्रिकट टीम का स्पॉन्सर रहा सहारा ग्रुप हॉकी टीम को भी स्पॉन्सर कर चुका है। समूह के पास फॉर्मूला-वन रेस के बड़े स्टेक हैं। सहारा खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों के साथ नजदीकियों के कारण चर्चा में रहा है। एंबे वैली कई खिलाड़ियों की पसंदीदा जगह मानी जाती थी। सहारा ने लखनऊ में भी खूब निवेश किया। उन्होंने सहारा सिटी, सहारा एस्टेट, सहारा होम्स बनाए। गोमती नगर में 350 बेड का सहारा हॉस्पिटल भी बनाया। मॉल कल्चर की शुरुआत में ही हजरतगंज इलाके में सहारा मॉल बनवाया। कई स्थानों पर क्यू शॉप खोलीं।

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की सुरक्षा के आगे सीएम की सिक्योरिटी भी फेल नजर आती थी। प्राइवेट सुरक्षा गार्ड और भारी पुलिस बल रॉय के साथ रहता था। सहारा के बेड़े में कई विदेशी गाड़ियां और पुलिस सरकारी वाहन शामिल थे। वकीलों का पैनल भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलता था।  

उच्चतम न्यायालय के गैर जमानती वारंट पर अमल करते हुए लखनऊ पुलिस ने सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय को आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। गोमतीनगर पुलिस ने रॉय को सहारा सिटी से गिरफ्तार कर सीजेएम के सामने पेश किया। कोर्ट ने पुलिस और रॉय के वकील का पक्ष सुनने के बाद उन्हें चार मार्च तक के लिए गोमतीनगर पुलिस की कस्टडी में दे दिया।

पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए रॉय को फिलहाल वन विभाग के कुकरैल गेस्ट हाउस में रखने का फैसला किया था। कोर्ट के पूछने पर रॉय ने अपने घर पर ही रहने की इच्छा जताई थी। उन्होंने मेडिकल परीक्षण कराने से भी इन्कार कर दिया था। सीजेएम कोर्ट ने गोमती नगर थाना प्रभारी को रॉय को उच्चतम न्यायालय में पेश करने के लिए सौंप दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में सहारा प्रमुख के खिलाफ जारी अपने गैर जमानती वारंट को वापस लेने के सुब्रत रॉय के आग्रह पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। सर्वोच्च अदालत के समक्ष रॉय की ओर से दो बार वारंट वापस लेने के संबंध में गुहार लगाई गई। लेकिन अदालत ने अपने आदेश को कायम रखते हुए आग्रह को दोनों बार नकार दिया।

सीजेएम कोर्ट में सुब्रत रॉय सहारा का एक बयान पढ़ा गया जो कुछ इस तरह था- ‘मेरे ऑफिस, मेरे सहकर्मियों, परिवारजनों के साथ संबंधियों और मीडिया से लगातार फोन और एसएमएस आ रहे हैं। वे मुझसे जानना चाहते हैं। इस बारे में मेरा सिर्फ इतना कहना है कि मेरा देश इससे बेहतर मेरा सम्मान नहीं कर सकता।’

सहारा समूह ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि सहारा ने सेबी के पास 5,120 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यह रकम निवेशकों को लौटाने के लिए हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सहारा वन मीडिया एंड इंटरटेनमेंट का शेयर 2.99 फीसदी की गिरावट के साथ 60.10 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। जबकि सहारा हाउसिंग फिना कॉरपोरेशन का शेयर 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 38.45 रुपये के भाव पर रहा था।

सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने रियल एस्टेट में निवेश करने के नाम पर वर्ष 2008 से 2011 के बीच वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) के जरिए तीन करोड़ से अधिक निवेशकों से 17,400 करोड़ रुपये जुटाए थे। सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दस्तावेज जमा किए, जिसमें सेबी को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा लगा। इसी बीच सेबी के पास रोशन लाल नाम के एक व्यक्ति की तरफ से सहारा के खिलाफ शिकायत आई। इसके बाद सेबी ने अगस्त, 2010 में दोनों कंपनियों की जांच करने के आदेश दिए थे।

रॉय को मिले सम्मान और पुरस्कार

  • डॉक्टरेट की मानद उपाधि (2013,यूनिर्वसिटी ऑफ ईस्ट लंडन)
  • दि बिजनेस आइकॉन ऑफ दि ईयर (2011, लंदन)
  • डी लिट की मानद उपाधि (2011, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा)
  • 2012 में इंडिया टुडे के द्वारा भारत के दस सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में शामिल।
  • 2004 में टाइम पत्रिका (अंग्रेजी) द्वारा “भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता” के रूप में नामांकित।
  • आईटीए-टीवी आइकॉन ऑफ द ईयर (2007)
  • ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड (2004)
  • बिजनेस ऑफ दि ईयर अवार्ड (2002)
  • विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान (2010)
  • वोकेशनल अवार्ड फॉर एक्स्क्लेंस (द्वारा रोटरी इन्टरनेशनल,2010)
  • कर्मवीर सम्मान (1994)
  • बाबा-ए-रोजगार अवार्ड (1992)
  • उद्यम श्री (1994)
  • दि नेशनल सिटीजन अवार्ड (2001)
  • इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड (2013)
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