प्रस्ताव का 12 देशों ने समर्थन किया, जबकि अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया
UNSC Gaza: गाजा पट्टी में मानवीय आधार पर इजराइल-हमास युद्ध रोकने की मांग वाला प्रस्ताव अमेरिका-रूस-यूके की बेरुखी के बावजूद पास हो गया।
यूएन के विशेष सत्र के दौरान लाए गए प्रस्ताव का 12 देशों ने समर्थन किया, जबकि अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
इस्राइल-हमास युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने गाजा में मानवीय मदद के लिए युद्ध रोकने की मांग वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 15 नवंबर बुधवार को विशेष सत्र के दौरान लाए गए प्रस्ताव का 12 देशों ने समर्थन किया, जबकि अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
नए प्रस्ताव में गाजा पट्टी में मानवीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन की मांग की गई है। इसके अलावा बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा की मांग की गई है। हालांकि, माल्टा की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव में कहीं भी इस्राइल से हमले रोकने की अपील नहीं की गई है। जबकि, चीन और रूस तत्काल युद्धविराम चाहते हैं।
दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान के रक्षा मंत्रियों ने बुधवार को मंत्री स्तरीय बैठक में इस्राइल से गाजा पर तुरंत हमले रोकने की अपील की है। आसियान रक्षा मंत्रियों ने मानवीय मदद के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए भी अपील की है।
इधर, इस्राइली सेना ने बुधवार को गाजा के सबसे बड़े अल-शिफा अस्पताल पर नियंत्रण हासिल कर लिया। इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने बताया कि अस्पताल के तहखाने में भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। इससे पहले अस्पताल में कई जगहों पर हमास के लड़ाकों से मुठभेड़ हुई।
इस्राइली सेना के मुताबिक अस्पताल में अब भी कई जगह आतंकी मौजूद हो सकते हैं। इस वजह से एक-एक कोने की तलाशी ली जा रही है। इसके साथ ही लाउड स्पीकर के जरिये आतंकियों से समर्पण करने के लिए कहा जा रहा है। इस्राइली सेना के मुताबिक इसी अस्पताल के नीचे हमास का मुख्यालय बना हुआ है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जब से इस्राइली सेना ने अस्पताल पर नियंत्रण हासिल किया है, वहां मौजूद डॉक्टरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि अस्पताल के अंदर मरीजों और स्टाफ को मिलाकर करीब 2,300 लोग मौजूद हैं।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अस्पताल युद्धभूमि नहीं हैं। अस्पतालों में नवजात शिशुओं, रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और सभी नागरिकों की सुरक्षा अन्य सभी चिंताओं से ऊपर होनी चाहिए। वहीं, इस संबंध में आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत मिले थे कि हमास अस्पताल परिसर का इस्तेमाल अपने मुख्यालय के तौर पर कर रहा है।
इस्राइली सेना ने उत्तरी गाजा पर अपनी पकड़ और मजबूत करते हुए बुधवार को पुलिस मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। इसके अलावा घनी आबादी वाले जिले शाती शरणार्थी शिविर पर कब्जा कर लिया है। इस्राइली सैनिक अब उत्तरी गाजा में बेखौफ नजर आ रहे हैं।
आईडीएफ ने बताया कि सरकारी इमारतों, स्कूलों और आवासीय भवनों में भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। इसके साथ ही आईडीएफ ने बताया कि हमास को खत्म करने के लिए शुरू किए गए इस अभियान में अब तक 46 सैनिक मारे गए हैं।
सात अक्तूबर को हुए हमास के हमले के बाद इस्राइल में बंदूक रखने के लाइसेंस की मांग में भारी उछाल आया है। इस्राइली गृह मंत्रालय के मुताबिक सात अक्तूबर के बाद बंदूक लाइसेंस के लिए 2,36,000 नए आवेदन मिले हैं। जबकि, इतने आवेदन बीते कुल 20 वर्ष में भी नहीं मिले हैं। युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार गाजा में ईंधन की आपूर्ति हुई है। यूएन के लिए पहली बार 24 हजार लीटर डीजल मिला है।