Uttarottar Book: आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी मेला के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक “उत्तरोत्तर” प्रकाशित हो गई है। इस पुस्तक को पाठकों का बहुत प्यार मिल रहा है।
बता दें कि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान के रजत पर्व पर रायबरेली और दौलतपुर में 11 और 12 नवंबर 2022 को द्विवेदी मेला का आयोजन हुआ था। इसी मेले से निकले तथ्यों को ये पुस्तक समेटे है।
गौर करें तो इंडियन प्रेस प्रयागराज की नींव बांग्ला भाषी बाबू चिंतामणि घोष ने रखी। संपादक आचार्य रामानंद चट्टोपाध्याय के सुझाव पर उन्होंने वर्ष 1900 में हिंदी की मासिक पत्रिका ‘सरस्वती’ का प्रकाशन प्रारंभ किया।
– ‘उत्तरोत्तर’ -द्विवेदी मेला के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक
– प्रकाशक:आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास, रायबरेली
– मुद्रक: इंडियन प्रेस, प्रयागराज
उनके उत्तराधिकारी बाबू हरि केशव घोष (पटल बाबू) ने इंडियन प्रेस और सरस्वती को निरंतर प्रकाशित करने में अपनी अत्यधिक ऊर्जा लगाई।
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने 1903 से 1920 तक अपनी अथक मेहनत से सरस्वती को उत्तरोत्तर उन्नति के पथ पर पहुंचाया।
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान के रजत पर्व पर रायबरेली और दौलतपुर में 11-12 नवंबर 2022 को आयोजित दो दिवसीय द्विवेदी मेला में देश भर के दस से अधिक राज्यों के करीब 80 लेखक, साहित्यकार, कवि और पत्रकार पधारे थे।
मेले की स्मृतियां को पुस्तक रूप में प्रकाशित करने का संकल्प आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास ने लिया। करीब दो दर्जन आगंतुक कलमकारों ने मेले के संस्मरण लिपिबद्ध किए।
संस्मरणों पर आधारित पुस्तक ‘उत्तरोत्तर’ निशुल्क प्रकाशित कर ऐतिहासिक इंडियन प्रेस (प्रयागराज) के वर्तमान स्वामी सुप्रतीक घोष एवं अरिंदम घोष ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान को एक नया आयाम प्रदान किया है| पुस्तक प्रकाशन में सरस्वती संपादक श्री अनुपम परिहार का भी अप्रतिम योगदान रहा।
आचार्य जी की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाने के लिए संस्मरण लिपिबद्ध करने वाले सभी लेखकों, इंडियन प्रेस के यशस्वी स्वामियों और संपादक के प्रति आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास एवं आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति, रायबरेली कृतज्ञता ज्ञापित करती है।🌹
∆ गौरव अवस्थी
संयोजक,
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
स्मृति संरक्षण अभियान