Zakir Hussain: भारत और विश्व संगीत जगत के लिए बेहद दुखद समाचार है। महान तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की पुष्टि उनके परिवार ने की है। उन्हें हृदय संबंधी गंभीर समस्याओं के चलते अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
संगीत की दुनिया में अद्वितीय योगदान
करीब छह दशकों के लंबे और शानदार करियर में जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। वह न केवल एक असाधारण तबला वादक थे, बल्कि भारतीय संगीत के एक अद्वितीय सांस्कृतिक दूत भी थे। उनकी उंगलियों से निकलने वाली हर ध्वनि श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती थी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ उन्होंने पश्चिमी संगीत, जैज़, और फ्यूज़न संगीत में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
सम्मान और उपलब्धियां
जाकिर हुसैन को उनकी अद्वितीय प्रतिभा के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया। वह ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले भारतीय कलाकारों में भी शामिल थे।
संगीत के प्रति अटूट समर्पण
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता उस्ताद अल्ला रक्खा खुद एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। पिता से संगीत की बारीकियां सीखने के बाद जाकिर हुसैन ने बेहद कम उम्र में मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उनके संगीत में पारंपरिकता और नवाचार का बेजोड़ मेल था, जिसने उन्हें समकालीन और पारंपरिक संगीत प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाया।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति
जाकिर हुसैन ने भारत के साथ-साथ विश्वभर में अपनी कला का परचम लहराया। उन्होंने यो-यो मा, जॉन मैकलॉफलिन, मिकी हार्ट और चार्ल्स लॉयड जैसे विश्व प्रसिद्ध कलाकारों के साथ काम किया। उनका बैंड “शक्ति” भारतीय और पश्चिमी संगीत का एक शानदार संयोजन था, जिसने फ्यूज़न संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
संगीत जगत में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। भारत और विश्वभर के कलाकार और संगीत प्रेमी इस अपूरणीय क्षति पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनके संगीत ने न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया, बल्कि इसे विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाया।
जाकिर हुसैन का निधन संगीत जगत के लिए एक युग का अंत है। उनकी अनुपस्थिति संगीत प्रेमियों के लिए एक गहरी खाली जगह छोड़ देगी, जिसे भर पाना शायद ही संभव हो। उनकी विरासत और उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा।