RN Ravi vs Satalin: तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त करने पर डीएमके राज्यपाल पर हमलावर हो गई है। गवर्नर के फैसले पर डीएमके बवाल करने पर उतारू है। राज्यपाल एन रवि आईना दिखाते हुए कानूनी केस झेल रहे केंद्रीय मंत्रियों के पोस्टर लगाकर ये बताने की कोशिश की है कि राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर कर रहे हैं और संविधान को ठेंगा दिखा रहे हैं।
संविधान के अनुच्छेद 164(1) के मुताबिक राज्य के मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही नियुक्त या हटाया जा सकता है। ऐसे में तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त करने को डीएमके ने लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 164(1) के मुताबिक राज्य के मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही नियुक्त या हटाया जा सकता है। ऐसे में तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त करने को डीएमके ने लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
RN Ravi vs Satalin: तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि द्वारा राज्य सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को पद से हटाने और बाद में अपने फैसले को वापस लेने से सियासी पारा चढ़ गया है। डीएमके राज्यपाल पर हमलावर है और केंद्र सरकार पर भी निशाना साध रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जहां राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है, वहीं उनकी पार्टी ने जगह-जगह पोस्टर लगा दिए हैं। इन पोस्टरों में उन केंद्रीय मंत्रियों की तस्वीरें लगाई गई हैं, जिनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं और वह अभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
RN Ravi vs Satalin: बता दें कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने एक दुर्लभ फैसले के तहत तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त कर दिया था। एक विज्ञप्ति जारी कर राज्यपाल ने कहा कि बालाजी कई गंभीर मामलों में कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मंत्री रहते हुए, वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
बाद में, राज्यपाल ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया और कहा कि वह अटॉर्नी जनरल से सलाह के बाद इस मामले पर कोई फैसला करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसी आशंका है कि सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानूनी प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। हालांकि बाद में, राज्यपाल ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया और कहा कि वह अटॉर्नी जनरल से सलाह के बाद इस मामले पर कोई फैसला करेंगे।
RN Ravi vs Satalin: अब डीएमके ने राज्यपाल का विरोध शुरू कर दिया है। इसी के तहत जगह-जगह उन मंत्रियों के पोस्टर लगाए गए हैं, जो मुकदमों का सामना कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मंत्रिमंडल में बने हुए हैं। संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 164(1) के मुताबिक राज्य के मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही नियुक्त या हटाया जा सकता है। ऐसे में राज्यपाल का मंत्री को मुख्यमंत्री से बिना सलाह लिए हटाना असंवैधानिक है।
सेंथिल बालाजी नौकरी के बदले नकदी मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। बीते दिनों ईडी ने सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। हालांकि बालाजी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया गया।