CM भगवंत मान का गवर्नर पुरोहित को जवाब- समझौता नहीं करुंगा
बोले- सरकार गिराने की धमकी दे रहे गवर्नर, राजस्थान से चुनाव लड़ें
Bhagwant Maan Banwari Lal: चिट्ठी का जवाब ना देने पर गवर्नर बनवारी लाल ने पंजाब की भगवंत सरकार को धमकी दे रहे हैं। वहीं सीएम मान ने कहाकि वो झुकेंगे नहीं।
पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित गवर्नर ने CM भगवंत मान को चिट्ठी दी थी, इसमें राष्ट्रपति को अनुच्छेद 356 के तहत रिपोर्ट भेजने और कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई थी।
पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा है कि गवर्नर को अगर लगता है कि उनकी चिट्ठी के बाद सीएम की कुर्सी छिनने के डर से मैं कंप्रोमाइज कर लूंगा, तो जान लें मैं कोई समझौता नहीं करुंगा।
भगवंत मान गवर्नर बीएल पुरोहित को उनके लेटर का जवाब दे रहे थे। मान ने कहाकि गवर्नर की चिट्ठी में उनकी पावर हंगर की झलक मिलती है। उन्हें ऑर्डर देने की आदत है। चिटि्ठयां भी शायद ऊपर से लिखवाते होंगे। गवर्नर तो सिर्फ साइन ही करते होंगे।
शुक्रवार को गवर्नर बीएल पुरोहित ने मान को चिट्ठी लिखी थी, इसमें राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत रिपोर्ट भेजने और कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई थी।
पंजाब में वर्ष 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने के बाद गवर्नर बीएल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच लगातार खींचतान चल रही है। गवर्नर अलग-अलग मुद्दों पर सीएम को छह से अधिक लेटर लिख चुके हैं।
CM भगवंत मान ने कहाकि रोज की किचकिच लगा रखी है। इसको लेकर मैं आज सारी डिटेल शेयर करुंगा। यह कोई नई बात नहीं कि राज्यपाल चिट्ठी लिखें और उसमें कोई ऑर्डर या लैंग्वेज लिखें, जिससे पंजाबियों को नीचा दिखाया जाता हो। हम जवाब देते रहें कि ठीक हो जाएंगे। ऊपर से ऐसे ऑर्डर होंगे। पंजाब ही नहीं, दूसरे राज्य भी इस दुख से पीड़ित हैं।
कल गवर्नर ने पंजाब के शांति पसंद लोगों को जो धमकी दी है कि मैं आप पर राष्ट्रपति शासन लगा दूंगा। मैं धारा 356 रिकमेंड कर दूंगा और सरकार तोड़कर गवर्नर राज की सिफारिश कर दूंगा। लड़ाई तो 16 मार्च से ही चल रही है। अब निचले स्तर से समझकर हल्ला बोल पर आ गए हैं। गवर्नर सीधी धमकी दे रहे हैं। चिट्ठी का जवाब न देना क्या राष्ट्रपति राज का कारण हो सकता है।
लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह कंट्रोल में है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के साथ जब गवर्नर की मीटिंग होती है तो हम यही आंकड़े उन्हें देते हैं। उन्हें सब पता है। अब लेटर निकालकर बोल रहे हो कि लॉ एंड ऑर्डर खराब है। मान ने कहाकि राज्यपाल ने 16 चिटि्ठयां लिखीं, जिनमें से 9 का जवाब दे चुका हूं। बाकी के जवाब तैयार हैं। कई बातें ऐसी पूछी हैं, जिनकी जानकारी लेने में समय लगता है। गवर्नर के पास 6 बिल पेंडिंग हैं। इनके अलावा 2 पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के वक्त के हैं।
पंजाब में चुनी सरकार है। साढ़े 3 करोड़ लोगों ने वोट दिया है। 92 सीटें मिली हैं। चुनाव संविधान के मुताबिक हुए हैं। चुनी सरकार बिल को कैबिनेट में पास करने के बाद विधानसभा में पास करवाकर गवर्नर को भेजती है। जिसे रोक दिया जाता है। ऐसा तो फिर इलेक्टेड और सिलेक्टेड के बीच की लड़ाई फेडरल स्ट्रक्चर के लिए खतरनाक है।
गवर्नर ने क्या कभी RDF के लिए चिट्ठी लिखी है? क्या वे मेरे साथ चलेंगे और केंद्र को कहेंगे कि RDF का पैसा दो। कभी GST के पैसे के बारे में पूछा कि केंद्र के पास कितना पैसा फंसा है। कभी किसानों के बारे में पूछा है कि किसान सड़क पर धरना दे रहे हैं। उनमें से 99% मांगें केंद्र से संबंधित हैं।
गवर्नर कभी पंजाब के साथ खड़े हुए?। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से हरियाणा के कॉलेजों को एफिलिएशन के लिए गवर्नर ने दबाव डाला। उन्होंने पंजाब के हक की बात नहीं की।
मैं गवर्नर को कहना चाहता हूं कि पंजाबियों के जज्बात और सब्र का इम्तिहान न लें। गवर्नर ने कहा कि वे नागपुर के हैं। जब वे हैं ही नागपुर के तो मैं और क्या कहूंगा?
मैं गवर्नर को कहूंगा कि वे राजस्थान के हैं। बाद में नागपुर गए थे। मैं कहूंगा कि राजस्थान में चुनाव हैं। गवर्नर वहां मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर BJP से चुनाव लड़ें। फिर वहां ऑर्डर देते रहें।
मैं गवर्नर को सभी चिट्ठयों का जवाब दूंगा, लेकिन ऐसा कहना कि मैं सरकार गिरा दूंगा, यह गैर संवैधानिक बात हैं। बंगाल और दिल्ली में भी यही हो रहा है। तमिलनाडु और तेलंगाना वाले भी तंग हैं। यह बीजेपी का एजेंडा है। अगर आप नहीं जीते तो लोगों को खरीदो, अगर ना हो सके तो ऑर्डिनेंस ले आओ। शक्तियां छीन नहीं सकते तो चिट्ठयां निकलवा लो।
मैं गवर्नर को याद करा दूं कि वे साथ सटे राज्य हरियाणा के गवर्नर से पूछें कि उन्होंने खट्टर (CM मनोहर लाल खट्टर) को कोई नोटिस भेजा? नूंह में क्या कुछ हुआ? जहां 2 समुदायों में लड़ाई हुई। गाड़ियां फूंक दीं। कर्फ्यू लगाना पड़ा। अभी भी तनाव बना हुआ है। हरियाणा के गवर्नर ने कोई लेटर लिखा क्या? ऐसा नहीं क्योंकि वहां सरकार केंद्र में सरकार वालों की है।
यहां लॉ एंड ऑर्डर की बात कर रहे हो, मणिपुर में क्या हुआ? वहां क्या संविधान लागू नहीं होता? पंजाब में संविधान की दुहाई दे रहे हो। उत्तर प्रदेश में सरेआम गोली मार दी जाती है। UP के गवर्नर की मजाल है कि योगी (CM योगी आदित्यनाथ) को नोटिस निकालकर पूछ लें कि लॉ एंड ऑर्डर कैसा है?
पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा- राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।