CHINA THREAT INDIA: अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने नक्शे में दिखाने वाला चीन अब अपनी हरकत को जायज भी ठहरा रहा है। उसने इसे सामान्य बात बताया। चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार 30 अगस्त को कहा कि चीन के नक्शे का 2023 एडिशन जारी करना सामान्य प्रक्रिया है।
यह नक्शा चीन की संप्रुभता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। यह हिस्सा कानूनन हमारा है। उनके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष (भारत) इस मुद्दे पर शांत रहेगा और इस पर ज्यादा बात करने से बचेगा।
चीन ने 28 अगस्त को अपना ऑफिशियल मैप जारी किया था। इसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया था। चीन के सरकारी न्यूज पेपर ने एक्स एप पर दोपहर 3:47 बजे नया मैप पोस्ट किया था। इस पर भारत के विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन की यह पुरानी आदत है। उनके दावों से कुछ नहीं होता।
अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना बताने के चीन के दावे को भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि ये चीन की पुरानी आदत है। विदेश मंत्री ने कहा पहले भी ऐसे दावे करता रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत के इलाकों को अपना बताने के चीन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था- चीन ने नक्शे में जिन इलाकों को अपना बताया है, वो उनके नहीं हैं। ऐसा करना चीन की पुरानी आदत है।
उन्होंने कहा- अक्साई चिन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। पहले भी चीन भारत के हिस्सों के लेकर नक्शे निकालता रहा है। उसके दावों से कुछ नहीं होता। हमारी सरकार का रुख साफ है। बेकार के दावों से ऐसा नहीं हो जाता कि किसी और के इलाके आपके हो जाएंगे।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया पर मैप जारी किया था। इसमें भारत के कुछ हिस्से को चीन ने अपने हिस्से में दिखाया था।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया पर मैप जारी किया था। इसमें भारत के कुछ हिस्से को चीन ने अपने हिस्से में दिखाया था।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी चीन के दावे को बेतुका बताया था। तिवारी ने कहा था- चीनी मैप मानक मानचित्र नहीं हैं। ये चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाते। ऐसे में चीन का दावा बेतुका है। आज असली मुद्दा यह है चीनियों ने थिएटर स्तर पर कई बिंदुओं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है।
तिवारी ने कहा था- सितंबर में होने वाले G20 मीटिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आ रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या जिनपिंग की मेजबानी करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा।
चीन ने LAC के साथ 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसे खाली करने की जरूरत है। संक्षेप में कहें तो, चीनी मानचित्र बेतुके हैं, वे चीन के इतिहास के साथ मेल नहीं खाते हैं।
इससे पहले चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर पलटवार किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।