Chandra Kumar Bose: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। उनको भाजपा में घुटन महसूस हो रही थी। बोस ने कहाकि उनके प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे त्यागपत्र में चंद्र कुमार बोस ने लिखा कि अब पार्टी में रहना मेरे लिए असंभव हो गया है। साल 2016 में मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर भाजपा का दामन थामा था। मेरे सिद्धांत मेरे दादा शरत चंद्र बोस और उनके छोटे भाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरित हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे त्यागपत्र में बोस ने लिखा कि अब पार्टी में रहना मेरे लिए असंभव हो गया है। साल 2016 में मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर भाजपा का दामन थामा था। मेरे सिद्धांत मेरे दादा शरत चंद्र बोस और उनके छोटे भाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरित हैं। वे हर धर्म को भारतीय के रूप में देखते थे।
बोस ने कहा, मैंने बंगाल की रणनीति के संबंध में बीपेजी में राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को कई प्रस्ताव दिए, लेकिन उन्होंने कभी उन्हें लागू नहीं किया।
बोस ने कहाए मैंने जेपी नड्डा को यह स्पष्ट कर दिया है कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ हैं, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए।
‘इंडिया-भारत’ विवाद पर बोस ने कहा कि भारत के संविधान में साफ लिखा है कि ‘इंडिया दैट इज भारत, राज्यों का संघ’। भारत और इंडिया एक ही हैं। इससे जुड़ा विवाद कोई मुद्दा नहीं है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने कहाकि मेरा उद्देश्य बीजेपी में शामिल होने का शरत चंद्र बोस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को देश के सामने रखना था. मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि आजाद हिंद मोर्चा का गठन किया जाए. मुझे इस मोर्चे का नेतृत्व दिया जाए, लेकिन इसका गठन कभी नहीं किया गया।