DY Chandrachud: प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहाकि एक न्यायाधीश के रूप में वह कानून और संविधान के ‘सेवक’ हैं। जब प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज की कार्यवाही के लिए बैठी तो अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुमपारा ने अदालत के समक्ष एक मामले का उल्लेख किया। इसी दौरान चंद्रचूड़ ने यह बात बोली।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वह कानून और संविधान के सेवक हैं। साथ ही यह भी कहा कि जो व्यवस्था तय की गई है उसका पालन करते हैं। शुक्रवार को जब एक मामले की सुनवाई शुरू हुई तभी एडवोकेट मैथ्यू जे नेदुमपारा ने कहा कि कलीजियम सिस्टम में रिफॉर्म की जरूरत है। उन्होंने मामला सुनवाई के लिए उठाया। वह बोले कि सीनियर वकील को नॉमित किए जाने की परंपरा को खत्म किया जाना चाहिए।
इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप अपने दिल की आवाज उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, बतौर चीफ जस्टिस और खासकर जज के तौर पर मैं कानून और संविधान का सेवक हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे पसंद है या मैं यह करूंगा।
आपको अपने दिल की बात सुनने की आजादी है। प्रधान न्यायाधीश के रूप में, बल्कि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण, एक न्यायाधीश के रूप में मैं कानून और संविधान का सेवक हूं।
दरअसल, वकील ने पीठ के समक्ष कलीजियम प्रणाली में सुधारों की जरूरत और वरिष्ठ अधिवक्ता पद समाप्त किए जाने की जरूरत का उल्लेख किया। पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। शीर्ष अदालत ने इस साल अक्टूबर में वरिष्ठ अधिवक्ता के पद को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी थी।