Tamilnadu Loksabha Election 2024: चेन्नई। देश भर में लोकसभा चुनावों की धूम के बीच तमिलनाडु की सभी सीटों पर एक साथ पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। पूरे राज्य में इंडिया गठबंधन, एआएडीएमके और बीजेपी ने पूरी ताक़त झोंक रखी है। ऐसे में राजनीति के खिलाड़ी भी कह रहे हैं कि अबकी बार तमिलनाडु में भी कुछ कमल खिलकर रहेगा।
इस बार तमिलनाडु में संसदीय चुनाव सत्तारूढ़ द्रमुक, विपक्षी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
बीजेपी लगा रही द्रविड़ियन पॉलिटिक्स में आस्था का तड़का
बीजेपी तमिलनाडु की द्रविड़ियन राजनीति में आस्था और धर्म पर जाति का तड़का लगाकर अपने प्रत्याशियों को जिताना चाहती है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साउथ ख़ासकर तमिलनाडु पर निगाहें गड़ाए हुए हैं। इस साल अब पीएम मोदी 6 बार तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने लगातार अपने चुनावी सभाओं में परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ताधारी डीएमके और उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को घेरते रहे हैं।
23 सीटों पर लड़ रही है भारतीय जनता पार्टी
तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीट में से बीजेपी इस बार 23 सीटों पर लड़ रही है। वहीं बीजेपी की सहयोगी पट्टाली मक्कल काची 10 सीटों पर हाथ आज़मा रही है। पूर्व मंत्री जीके वासन के नेतृत्व वाली तमिल मनीला कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
टीटीवी दिनाकरन की एएमएमके 2 सीट और निष्कासित एआईएडीएमके नेता ओ पन्नीरसेल्वम एक सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
तमिलनाडु की 6 सीटों पर फोकस कर रही है बीजेपी
वैसे गौर करें तो पूरे तमिलनाडु पर भारतीय जनता पार्टी की नज़र है। मगर जानकारों की मानें तो इस बार तमिलनाडु की 6 सीटों दक्षिण चेन्नई, वेल्लोर, पेरम्बलुर, कोयंबटूर, नीलगिरी और विरुधुनगर बीजेपी कमल खिलाने को बेताब है।
दक्षिण चेन्नई पर पैनी नज़र, तमिलीसाई सुंदरराजन को उतारा
बता दें कि बीजेपी साल 1991 से दक्षिण चेन्नई लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतार रही है। इस बार पार्टी ने हाल ही में तेलंगाना के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाली तमिलीसाई सुंदरराजन को मैदान में उतारा है। साल 2014 में बीजेपी ने दक्षिण चेन्नई में 24.57 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दोहरे अंक का आंकड़ा पार किया था। बीजेपी को यहां से बड़ी उम्मीदें हैं।
वेल्लोर सीट पर बीजेपी की उम्मीदें
बीते कई चुनावों से बीजेपी ने वेल्लोर सीट पर अपनी नज़र गड़ा रखी है। इस सीट पर बीजेपी के सिंबल पर एसी षणमुगम मैदान में हैं। एसी षणमुगम का मुक़ाबला डीएमके के कथिर आनंद और AIADMK के एस पशुपति से है।
पेरम्बलुर में मज़बूती से बढ़ रही है बीजेपी
बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पेरम्बलुर सीट से उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। उस चुनाव में पारीवेंधर को 23.2 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार डीएमके से अरुण नेहरू और एआईएडीएमके से एनडी चंद्रमोहन पारीवेंधर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
कोयंबटूर से है भाजपा को बड़ी उम्मीद
साल 1989 से ही कोयंबटूर को बीजेपी का पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र माना जाता रहा है। यहाँ से डीएमके ने पूर्व मेयर गणपति राजकुमार को मैदान में उतारा है। वहीं एआईएडीएमके के सिंगाई जी रामचंद्रन मैदान में हैं। बीजेपी के अन्नामलाई ने इस चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है।
नीलगिरी में दिखाया दम
नीलगिरी सीट पर बीजेपी ने पूरा दम लगा रखा है। यहां बीजेपी के केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन का मुकाबला डीएमके के पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और एआईएडीएमके के लोकेश तमीज सेलवन से है।
विरुधुनगर पर भी फोकस कर रही बीजेपी
अभिनेता से राजनेता बने सरथकुमार की पत्नी राधिका सरथकुमार ने अपनी समथुवा मक्कल काची पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया है। वह विरुधुनगर से चुनाव लड़ रही हैं। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार बी मणिकम टैगोर और डीएमडीके नेता विजयकांत के बेटे विजय प्रभाकरन भी मैदान में हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कज़गम यानी डीएमके ने 39 में से 38 सीटों पर विजय पताका लहराया था। एआईडीएमके, ओ रवींद्रनाथ के साथ केवल एक ही सीट जीत पाई थी। रवींद्रनाथ अन्नाद्रमुक के अपदस्थ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बेटे हैं। अभी ये बाप-बेटे एआईडीएमके गठबंधन से अलग हैं।
गौर करें तो तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार है। इंडिया गठबंधन एम के स्टालिन के नेतृत्व में अपनी पुरानी सीटों को बचाने में जुटी है।
तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को एक साथ ही मतदान होगा। यहां की सीटों में तिरुवल्लूर, चेन्नई नॉर्थ, चेन्नई साउथ, चेन्नई सेंट्रल, श्रीपेरूम्बुदूर, कांचीपुरम, अराकोनम, वेल्लोर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, तिरुवण्णामलै, अरानी, विलुपुरम, कल्लाकुरिची, सलेम, नमक्कल, इरोड, तिरुप्पुर, नीलगिरी, कोयम्बटूर, पोलाची, डिंडीगुल, करुर, तिरुचिरापल्ली, पेरंबलूर, कुड्डालोर, चिदंबरम, मयिलाड़तुर, नागापट्टिनम, तंजावुर, शिवगंगा, मदुरई, थैनी, विरुधुनगर, रामनाथपुरम, थुथुकुडीस, तेन्काशी, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी सीट शामिल है।
जान लें कि सत्रहवीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त हो रहा है। वहीं चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक लोकसभा के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होंगे। इसके साथ ही इस दौरान उपचुनाव भी होंगे। इस बार 7 चरणों में चुनाव हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेगा। 4 जून को मतगणना होगी।
18वीं लोकसभा का ये चुनाव 44 दिन तक चलने वाला सबसे लंबा चुनाव है। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करेंगे और लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे। फेज 1 में 19 अप्रैल को 21 राज्यों के 102 सीटों पर मतदान होगा। फेज 2 में 26 अप्रैल को 12 राज्य के 88 सीटों पर पोलिंग होगी। फेज 3 में 7 मई को 13 राज्य के 94 सीटों पर लोग मताधिकार का उपयोग करेंगे।
फेज 4 में 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर वोटिंग है। वहीं फेज 5 में 20 मई को 8 राज्यों की 49 सीटों पर मतदान होगा। छठे फेज में 25 मई को को 7 राज्यों की 57 सीटों के लिए लोग अपने मत डालेंगे। सातवें और अंतिम फेज में 1 जून को 8 राज्यों के 57 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। चुनाव नतीज़े एक साथ 4 जून को घोषित होंगे।
16 जून को खत्म हो रहा है लोकसभा का कार्यकाल
बता दें कि लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव साथ-साथ होंगे। वहीं तमिलनाडु में 19 अप्रैल को एक ही फेज में चुनाव होंगे।