Saturday, September 21, 2024
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TIRUPATI LADDU: भगवान के प्रसाद में जानवरों की चर्बी, सदमे में हैं भक्त; जानें तिरुपति के लड्डू की क्यों हो रही है देश-विदेश में चर्चा

अनिल कुमार पाण्डेय

TIRUPATI LADDU: मिलावट हर चीज़ में होती है, मगर जानवरों की चर्बी भगवान के प्रसाद में मिलाया जए, तो ये ना सिर्फ भक्तों की आस्था पर चोट है, बल्कि इस कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए, वो कम है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर (बालाजी मंदिर) के प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की ख़बर के बाद हर कोई हैरान परेशान है। गुजरात की एक लैबोरेट्री में तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी पाए जाने पर भक्त गहरे सदमे में हैं। मंदिर के प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने के बाद सरकारें और कोर्ट एक्शन में हैं। राजनीतिक दल आवाज़ उठा रहे हैं। जनता भी ज़वाब माँग रही है।

बता दें कि तिरुपति के पवित्र बालाजी मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल घी में जानवरों की चर्बी होने का दावा करने वाली गुजरात की एक लैब की रिपोर्ट आने पर आध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जड़े हैं। साथ ही इसे करोड़ों की आस्था पर चोट पहुँचाने वाला निकृष्टतम कार्य बताया है। वहीं इन आरोपों को सिरे से खारिज करने वाली वाईएसआर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुँच गई है।

गौर करें कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाए जाने की ख़बर के बाद भक्तों की आस्था को बहुत ठेस पहुँची है। इसके बाद से इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच की माँग उठ रही है।

हैरानी की बात ये है कि इस मामले में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालाँकि लड्डू के घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 4 सदस्यों की विशेष समिति बना दी गई है।

उधर तिरुपति के लड्डू में मिली खामियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से तिरुपति लड्डू मुद्दे पर पूरी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहाकि केंद्र इस मामले की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

जान लें कि गुजरात लैब की रिपोर्ट का दावा है कि तिरुपति के लड्डू प्रसाद को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया जाता है।

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी के मुताबिक, गुजरात स्थित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की लैब ‘सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड’ (CALF) को 9 जुलाई को सैंपल भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट 17 जुलाई को आई। इसमें दावा किया गया कि तिरुपति के लड्डू प्रसाद को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया जाता है।

गुजरात के पशुधन प्रयोगशाला की रिपोर्ट में दिए गए घी के नमूने में ‘पशु की चर्बी’, ‘लार्ड’ (सुअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया गया है।

हालांकि इस प्रयोगशाला रिपोर्ट पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन का प्रबंधन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहाकि लैब की रिपोर्ट से स्‍पष्‍ट हो गया है कि प्रसाद में अपवित्र वस्तुओं की मिलावट की बात सामने आई है। भगवान तिरुपति का प्रसाद बनाने में घटिया सामग्री का इस्‍तेमाल किया गया। घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया।

सीएम नायडू ने कहा कि इस भ्रष्‍टाचार में शामिल किसी भी व्‍यक्ति को बख्‍शा नहीं जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

वहीं पिछली जगनमोहन सरकार की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों से देवता की पवित्र प्रकृति को नुकसान पहुंचा है। इससे भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। प्रसाद में पशु चर्बी के इस्तेमाल का आरोप लगाना एक घिनौना प्रयास है।

वहीं तिरुपति में विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक और टीटीडी के अध्यक्ष रह चुके बी. करुणाकर रेड्डी ने भी आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी को निशाना बनाने के उद्देश्य से ये घिनौना आरोप लगाया है।

आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला ने सीएम नायडू के दावे की पुष्टि के लिए सीबीआई जांच की मांग की है।

जन सेना पार्टी ने के नेता व आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहाकि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवर की फिश ऑयल, पोर्क और बीफ फैट मिलाए जाने की पुष्टि से हम बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहाकि सनातन धर्म को अपमानित करने के लिए किसी को बख्‍शा नहीं जाएगा।

चंद्रबाबू नायडू के बेटे और आंध्र के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने वाईएसआर कांग्रेस आरोप लगाए। उन्होंने कहाकि पिछली सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।

भाजपा सांसद के लक्ष्मण ने कहाकि तिरुपति के बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवर की चर्बी का इस्तेमाल होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

वाईएसआर कांग्रेस के नेता और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे वाई वी सुब्बारेड्डी ने नायडू के आरोपों को पूरी तरह गलत और बेबुनियाद बताया है।

जान लें कि आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर पॉपुलर और अमीर धर्मस्थलों में से एक है। यहां हर दिन 70 हजार से ज्‍यादा भक्त भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। तिरुपति मंदिर की प्रशासनिक व्यवस्था तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (TTD) सँभालता है।

बालाजी मंदिर परिसर में एक किचन पोटू है। ये किचन 300 साल पुरानी है। जिसमें हर रोज शुद्ध देसी घी के साढ़े तीन लाख लड्डू बनते हैं। इस लड्डू को शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू, किशमिश, इलाइची, मिश्री और शुद्ध घी आदि से मिलाकर बनाया जाता है। यह लड्डू ही तिरुपति मंदिर का मुख्य प्रसाद है।

इस प्रसाद को 200 ब्राह्मण बनाते हैं। प्रसाद को बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन हर साल 5 लाख किलोग्राम घी खरीदता है। महीने के हिसाब से घी की खरीदारी 42 हजार किलो होती है। हरेक महीने ई-टेंडर के जरिये ये घी खरीदा जाता है।

बीते 5 दशक से मंदिर के लिए घी की सप्लाई कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) कर रहा था। बीते साल जुलाई 2023 में KMF ने रेट विवाद पर घी की सप्लाई देने से मना कर दिया था। जिसके बाद जगनमोहन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्मों को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है, जिसके प्रोडक्ट में गड़बड़ी मिली थी।

नायडू सरकार ने इसी साल जून में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया था। प्रसादम (लड्डू) की क्वालिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई।

इस कमेटी ने प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही लड्डू में यूज होने वाले घी की जांच के लिए गुजरात स्थित नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) को सैंपल भेजे। जुलाई में घी की जाँच रिपोर्ट में जानवरों की चर्बी पाए जाने की रिपोर्ट आई।

इसके बाद टीटीडी ने ए आर डेयरी फूड्स से आए घी के स्टॉक को वापस कर दिया। साथ ही ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया। इसके बाद टीटीडी ने फिर से KMF से घी मंगाना शुरू किया। ए आर डेयरी फूड्स से घी 320 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर मिलता था। तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।

प्रसाद में मिलावट पर विहिप ने कहाकि हिंदुओं की भावनाओं के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जान-बूझकर किया जा रहा है। इससे पूरे हिंदू समाज में आक्रोश की लहर है।

वहीं तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि के बाद साधु-संत भी नाराज़ हैं। अखिल भारतीय संत समिति ने कहाकि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला बहुत ही गंभीर धार्मिक अपराध है।

इधर तिरुपति लड्डू विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील सत्यम सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को एक चिट्ठी भेजी है। पत्र याचिका में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट से संबंधित मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।

इस बीच तिरुमाला तिरुपति मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी रमण दीक्षाथलु ने कहाकि उन्हें कई साल पहले से ये पता था कि प्रसाद के लड्डुओं में मिलावट होती है।

कुछ भी हो मिलावटखोरों को कठोर दंड मिलना ही चाहिए। कमीशनखोरों के रास्ते बंद होने चाहिए। मिलावटखोरी और कमीशनखोरी का ये मामले सिर्फ भगवान तिरुपति के प्रसाद में ही नहीं है, बल्कि हर लेवल पर है। दवा में भी है। वैक्सीन में है। खाद्य सामग्री में भी। ऐसे में जनता को खाली सरकार के भरोसे पर नहीं रहना चाहिए। खुद को और समाज को भी जागरूक करने की ज़रूरत है। अब तिरुपति के दिव्य लड्डू प्रसाद का मामला देश-दुनिया में गूँज रहा है।

तिरुपति के लड्डू ने सुप्रीम कोर्ट, हाइकोर्ट सब जगह दस्तक दे दी है। सीएम नायडू खुद एक्शन में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा खुल्ला बोल रहे हैं कि इस मामले में कड़ा एक्शन होगा। ऐसे में इंतज़ार करिए और देखिए कि दोषियों के खिलाफ क्या-क्या एक्शन होगा। साथ ही भक्तों की आस्था के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है। उसके खत्म होने के लिए ईश्वर से दुआ करिए।

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