Aaj Ka Rashifal Aur Panchang 6 Oct 2024।।आज का पंचांग।।
कलियुगाब्द…………………….5126
विक्रम संवत्……………………2081
शक संवत्………………………1946
मास……………………………..अश्विन
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी…………………………….तृतीया
प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
रवि………………………….दक्षिणायन
सूर्योदय ………….प्रातः 06.20.10 पर
सूर्यास्त…………….संध्या 06.09.38 पर
सूर्य राशि………………………..कन्या
चन्द्र राशि………………………..तुला
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र…………………………विशाखा
रात्रि 12.02 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग……………………………….प्रीती
दुसरे दिन प्रातः 06.38 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण……………………………..गरज
प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु………………………. शरद
दिन……………………………..रविवार
आंग्ल मतानुसार :-
06 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक…………………….6
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 11.51 से 12.37 तक ।
👁🗨 राहुकाल :-
संध्या 05.37 से 06.05 तक ।
उदय लग्न मुहूर्त :-
कन्या
04:59:52 07:10:31
तुला
07:10:31 09:25:10
वृश्चिक
09:25:10 11:41:20
धनु
11:41:20 13:46:56
मकर
13:46:56 15:34:03
कुम्भ
15:34:03 17:07:36
मीन
17:07:36 18:38:48
मेष
18:38:48 20:19:32
वृषभ
20:19:32 22:18:12
मिथुन
22:18:12 24:31:54
कर्क
24:31:54 26:48:04
सिंह
26:48:04 28:59:52
🚦 दिशाशूल :-
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ चौघडिया :-
प्रात: 07.50 से 09.18 तक चंचल
प्रात: 09.18 से 10.45 तक लाभ
प्रात: 10.45 से 12.13 तक अमृत
दोप. 01.41 से 03.09 तक शुभ
सायं 06.04 से 07.36 तक शुभ
संध्या 07.36 से 09.09 तक अमृत
रात्रि 09.09 से 10.41 तक चंचल ।
💮 आज का मंत्रः
॥ ॐ आदित्याय नम: ॥
संस्कृत सुभाषितानि
श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः – राजविद्याराजगुह्ययोग:) –
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।
तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः ॥
अर्थात :
जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्धबुद्धि निष्काम प्रेमी भक्त का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुणरूप से प्रकट होकर प्रीतिसहित खाता हूँ॥
🍃 आरोग्यं सलाह :-
सौंठ के औषधीय अनुप्रयोग :
. जुकाम :
6 माशे सौंठ को 1 तोला घी में भुने, फिर 2 तोले गुड का शरबत बनाकर पका लेवे | शीतल होने पर सुबह ले लेने से जुकाम, कफ और बुखार दूर होता है |
. सिरदर्द :
ठंड के कारण से उत्पन्न सिरदर्द पर सौंठ को जल में घिसकर कपाल और कनपटी पर लेप करे |
. अर्श :
बवासीर के रोग में सौंठ का चूर्ण, गुड के साथ लेवे, साथ में भोजन में नीम्बू, दही आदि अम्लरस लेते रहे तो कब्ज नहीं होगा, रक्त नहीं गिरेगा और मस्से का त्रास नहीं होगा |
आज का राशिफल
🐏 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आज मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।
👫 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज धन पाने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।
👩🦰 राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण रखें, विवाद न करें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आय में निश्चितता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
बाहरी यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। दूसरे के काम में दखल न दें।
🐟 राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। जोखिम न लें।
साभार- पं. राजेश मिश्र