Delhi Air Pollution दिल्ली में स्मॉग लोगों को डरा रहा है। कई जगहों पर AQI 400 के पार चला गया है। वायुमंडल में ऊपरी स्तर पर छाए आंशिक बादलों के चलते प्रदूषक कणों का बिखराव भी धीमा पड़ गया है। दिल्ली के 21 इलाकों का एक्यूआई 400 से ज्यादा है।
दिल्ली और एनसीआर के वायुमंडल में इस समय सामान्य से तीन गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। ये हालात कमोवेश सर्दियों यानी जनवरी तक बरकरार रहेंगे। इससे लोगों की जीवन बुरी तरह से प्रभावित होगा। लोग बीमार होंगे। कइयों की ज़िंदगी खत्म हो जाएगी।
बदली मौसमी परिस्थितियों के बीच दिल्ली में स्मॉग की चादर मंगलवार को और मोटी हो गई। वायुमंडल में ऊपरी स्तर पर छाए आंशिक बादलों के चलते प्रदूषक कणों का बिखराव भी धीमा पड़ गया है। ऐसे में दिल्ली का एक्यूआई फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंचने को है। 21 इलाकों का एक्यूआई 400 पार हो भी चुका है।
मंगलवार को दिल्ली में सुबह से ही स्मॉग की मोटी परत देखने को मिली। इसके चलते दिन भर में भी बहुत कम समय धूप निकली। हवा की रफ्तार काफी कम है तो प्रदूषक कणों का विसर्जन भी थमा हुआ सा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 397 रहा। इस स्तर की हवा को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन यह गंभीर श्रेणी से सिर्फ चार अंक नीचे है।
एक दिन पूर्व यानी सोमवार को यह एक्यूआई 358 था। चौबीस घंटों के भीतर इसमें 39 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के 21 इलाकों की हवा 400 पार एक्यूआई के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुकी है। दिल्ली और एनसीआर के वायुमंडल में इस समय सामान्य से तीन गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
सीपीसीबी के मुताबिक मंगलवार की शाम को चार बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 333 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और प्रदूषक कण पीएम 2.5 का स्तर 218 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इस हिसाब से दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से तीन गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
सीपीसीबी का एक्यूआइ 40 निगरानी स्टेशनों से मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है। लेकिन मंगलवार को 31 स्टेशन शाम चार बजे तक तकनीकी बंद पड़ रहे। इसके बाद ही चालू हो पाए। ऐसे में एक्यूआइ की सटीकता पर भी सवालिया निशान लग गया है।
स्माग के चलते दिल्ली में दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक सुबह के सात से आठ बजे के बीच सफदरजंग और पालम में दृश्यता का स्तर 500 मीटर तक रह गया था। सामान्य तौर पर इसे दो हजार मीटर पर रहना चाहिए।
दीवाली से इस तरह बढ़ा प्रदूषण
- 12 नवंबर – 218
- 13 नवंबर -358
- 14 नवंबर -397
मौसम विभाग के मुताबिक इस समय वायु मंडल की ऊपरी सतह में आंशिक बादल छाए हैं, जबकि निचले स्तर पर स्माग छाया हुआ है। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव बेहद धीमा और वे ज्यादा देर तक वायुमंडल में बने रह रहे हैं। लिहाजा प्रदूषण का स्तर भी ज्यादा है।
गंभीर श्रेणी में यहां की हवा
- शादीपुर- 405
- आइटीओ -432
- आइजीआई एयरपोर्ट-421
- द्यारका -405
- नेहरू नगर – 444
- पटपडगंज – 414
- सोनिया विहार -412
- जहांगीरपुरी – 421
- रोहिणी – 415
- ओखला – 404
- वजीरपुर – 417
- बवाना – 415
- पूसा – 425
- आनंद विहार – 432
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले तीन दिनों के दौरान हवा की गति सामान्य तौर पर 8 किमी से कम रहेगी। खासतौर पर सुबह के समय हवा एकदम शांत पड़ रही है। इससे भी प्रदूषक कणों का बिखराव नहीं हो रहा है। इन कारणों से अगले तीन दिनों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में ही रहेगी।