Thursday, December 12, 2024
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Dimple Yadav Popularity: उप चुनाव में पीछे छूटे अखिलेश, सपा कर रही डिंपल यादव का गुणगान

Dimple Yadav Popularity: समाजवादी पार्टी ने अपने मुखपत्र में डिम्पल यादव की तारीफ में लिखा है कि उन्होंने इस उप चुनाव में न केवल पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली, बल्कि निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी का डंका बजा दिया और अपनी लोकप्रियता में चार चाँद लगा दिया। इस तरह से डिंपल ने विशेष राजनीतिक और रणनीतिक कौशल से बीजेपी की सियासी चालों को विफल कर दिया।

उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने पहली बार चुनावी जीत का श्रेय पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा किसी और को और उसकी लोकप्रियता को दिया है। मंगलवार को जारी पार्टी के मुख पत्र ‘समाजवादी बुलेटिन’ के नवीनतम संस्करण में पार्टी ने करहल विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत का श्रेय मैनपुरी से सपा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को दिया है।

पार्टी के मुखपत्र में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिम्पल यादव ने करहल उपचुनाव में “राजनीतिक परिपक्वता” की मिसाल कायम की है। उनकी लोकप्रियता की वज़ह से ही करहल में जीत मिली है।

सपा ने अपने मुख पत्र में डिम्पल यादव की तारीफ में लिखा है कि उन्होंने इस उप चुनाव में न केवल पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली, बल्कि निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाला और अपनी लोकप्रियता और विशेष राजनीतिक और रणनीतिक कौशल ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के सियासी चालों और दांवों को विफल कर दिया।

इसमें लिखा गया है कि डिम्पल यादव ने करहल में दिन-रात एक कर दिए। एक-एक गांव पहुंचीं। सभाएं और बैठकें की। उनकी सरलता भरे अंदाज ने लोगों पर अलग छाप छोड़ी।

बता दें कि अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव ने पिछले महीने करहल से उपचुनाव जीता था, जो मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बीजेपी ने उनके खिलाफ मुलायम सिंह यादव परिवार के ही एक शख्स को उतारा था। इसलिए यह उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई का अखाड़ा बन गया था।

भाजपा ने अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जो दिवंगत मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव के पोते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनके इस्तीफे से करहल सीट रिक्त खाली हुई थी, और इस कारण यहां 13 नवंबर को मतदान कराया गया था।

करहल सीट पर 1993 से सपा का दबदबा रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में खुद अखिलेश यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, 2024 में कन्नौज से लोकसभा में जीत के बाद उन्होंने करहल सीट खाली कर दी, जिससे इस उपचुनाव का रास्ता साफ हुआ था। तेज प्रताप यादव ने भाजपा उम्मीदवार अनुजेश प्रताप यादव को 14801 वोटों के अंतर से हराया था।

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