India nuclear arsenals: भारत के परमाणु जखीरे में इज़ाफा हुआ है। भारत के पास फिलहाल 164 नए हथियार हैं। ये हथियार विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए काफी है। वहीं भारतीय सेना ख़ास तरह के हथियारों पर ज़ोर दे रही है।
India nuclear arsenals: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI, सिप्री) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान ने भी पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।
India nuclear arsenals:पिछले कुछ समय से सभी देश परमाणु हथियार बनाने पर ज़ोर दे रहे हैं। इनमें, जहां चीन-अमेरिका जैसे देश हैं तो वहीं भारत और पाकिस्तान भी पीछे नहीं है। दुनिया भर के देश अपनी सुरक्षा को लेकर एक से एक बेहतरीन हथियार बनाने में जुटे हैं। सोमवार को स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) ने एक रिपोर्ट जारी की है।
सिप्री के अनुसार, भारत अपने परमाणु हथियार का विस्तार कर रहा है। पिछले साल नए प्रकार के परमाणु हथियारों से दुनिया को रुबरू कराया। इतना ही नहीं, भारत लंबी दूरी की परमाणु क्षमता पर भी ध्यान दे रहा है। वह ऐसे हथियार विकसित कर रहा है, जिससे अपने लक्ष्य तक पहुंच सके।
India nuclear arsenals: गौरतलब है, चीन के साथ कई देशों का तनाव बढ़ गया है। चीन से सटी भारत की सीमा पर लगातार तनाव देखने को मिल रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन बहुत तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान ने भी पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास फिलहाल 164 नए हथियार हैं, जो विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए काफी है। इनमें अग्नि 5, पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBM) आईएनएस अरिहंत, परमाणु शक्ति से लैस दूसरी स्वदेशी पनडुब्बी (SSBN) आईएनएस अरिघात, आईएनएस अरिहंत से एटमी ताकत से लैस सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) जैसी ताकतों का नाम शामिल है।
चीन और पाकिस्तान की बढ़ती पनडुब्बी ताकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अपनी महाविनाशक पनडुब्बी को चुपके से लॉन्च कर दिया था। अरिहंत श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्बी एस-4 को साल 2021 में 23 नवंबर को भारत के विशाखापत्तनम स्थित गोपनीय शिप बिल्डिंग सेंटर से लॉन्च किया गया था। बताया जा रहा है कि यह भारतीय पनडुब्बी करीब 7 हजार टन की है जो अब तक बनी दो अन्य पनडुब्बियों से ज्यादा है।
एस-4 कही जा रही इस पनडुब्बी को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया गया है। यह सबमर्सिबल बैलिस्टिक न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) अरिहंत श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी है। इससे पहले आईएनएस अरिघात और आईएनएस अरिहंत को लॉन्च किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि यह भारतीय पनडुब्बी 7 हजार टन की है, जो अब तक बनी दो अन्य पनडुब्बियों से ज्यादा है।
India nuclear arsenals: भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को 26 जुलाई, 2009 में पूरी तरह तैयार किया गया था। यह दिन इसलिए भी चुना गया क्योंकि यह कारगिल युद्ध में विजय की सालगिरह भी थी और इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस 6000 टन के पोत को बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया, जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां हैं। अन्य पांच देश अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं। गहन बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरने के बाद आईएनएस अरिहंत 2016 में नौसेना के बेड़े का हिस्सा बनी थी।
अरिहंत श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट में मिसाइलों की संख्या दोगुनी रखी गई है, जिससे भारत को ‘पानी के युद्ध’ में और अधिक मिसाइलें ले जाने की क्षमता मिल जाएगी। इस पनडुब्बी का कोडनेम एस-3 रखा गया था। कई बार टलने के बाद इसकी लॉन्चिंग 2017 में हो पाई। इस पनडुब्बी को मूल रूप से आईएनएस अरिदमन के नाम से जाना जाता था, लेकिन लॉन्चिंग होने पर इसे आईएनएस अरिघाट नाम दिया गया था।
भारतीय नौसेना में 3 साल के समुद्री परीक्षणों के बाद अब भारत की दूसरी परमाणु ऊर्जा वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट नौसेना में शामिल होने को तैयार है। इस पनडुब्बी को आईएनएस विक्रांत के साथ सेवा में शामिल किया जाएगा। यह सतह पर 22-28 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति और जलमग्न होने पर 44 किलोमीटर प्रतिघंटा गति प्राप्त कर सकती है।
India nuclear arsenals: भारत अगर चाहे तो अब अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल से 7000 किमी दूर स्थित दुश्मन का भी सफाया कर सकता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एटमी सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का वजन घटाकर इसकी क्षमता को बढ़ाने में सफलता हासिल की है। भारत के पास पहले से ही 700 किमी रेंज वाली अग्नि-1, 2000 किमी रेंज वाली अग्नि-2, 2,500 किमी से 3,500 किमी रेंज वाली अग्नि-3 मिसाइलें हैं। इन्हें पाकिस्तान के खिलाफ बनाई गई रणनीति के तहत तैयार किया गया है। वहीं अग्नि-4 और अग्नि-5 को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।