Thursday, January 2, 2025
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Punjab Band Farmers: किसानों का पंजाब बंद आज, वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 150 ट्रेनें रद

Punjab Band Farmers: किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM गैर राजनीतिक) ने पंजाब बंद का आह्वान किया है, जो आज सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में बुलाया गया है, जो अपनी 13 कृषि मांगों, जिसमें सभी फसलों पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग प्रमुख है, को लेकर पिछले 35 दिनों से अनशन पर हैं।

क्या रहेगा खुला, क्या बंद?

  • बंद: सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।
  • आवश्यक सेवाएं: मेडिकल सेवाएं, आपातकालीन सेवाएं और बारातें बिना रोक-टोक के चलेंगी।
  • शिक्षण संस्थान: पंजाब में अधिकतर स्कूल सर्दी की छुट्टियों में हैं, इसलिए बंद का असर कम रहेगा। हालांकि, कुछ उच्च शिक्षण संस्थान जैसे पंजाब यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने शेड्यूल में बदलाव किया है।
  • फल, सब्जियां और दूध: ट्रक संचालकों के समर्थन से मंडियों पर असर पड़ सकता है और दूध विक्रेता भी बंद के कारण काम नहीं करेंगे, जिससे दूध की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
  • परिवहन: लुधियाना ट्रांसपोर्ट डीलर्स एसोसिएशन और स्टेट ट्रांसपोर्ट डीलर्स एसोसिएशन ने सोमवार को शाम 4 बजे के बाद ही परिवहन सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है। किसानों ने 200 से ज्यादा स्थानों पर चक्का जाम का ऐलान किया है।
  • सरकारी दफ्तर: सरकारी दफ्तर सामान्य रूप से खुल सकते हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट रोक के कारण कर्मचारियों की उपस्थिति कम हो सकती है।
  • ईंधन: पेट्रोल और डीजल पंप चलते रहेंगे, लेकिन LPG सिलेंडर की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

150 ट्रेनें रद्द
किसान संगठनों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रेल पटरियों को ब्लॉक करने की तैयारी की है। इसके चलते उत्तरी रेलवे ने 150 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जिनमें 3 वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल हैं। इन ट्रेनों में नई दिल्ली और वैष्णो देवी, नई दिल्ली और अंब अंदौरा के बीच चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। इसके अलावा, चंडीगढ़ और अजमेर के बीच चलने वाली वंदे भारत की दूरी कम कर दी गई है। इसके साथ ही शताब्दी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों को भी रद्द किया गया है।

डल्लेवाल का अनशन जारी
पंजाब सरकार की एक टीम ने रविवार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसे नकारते हुए यह डर जताया कि विरोध स्थल से उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया जा सकता है। यह घटनाक्रम उच्चतम न्यायालय की ओर से पंजाब सरकार की आलोचना के बाद हुआ, जिसमें डल्लेवाल को अस्पताल न भेजने के लिए कड़ी टिप्पणी की गई थी।

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