Rahul Gandhi: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सदन में फोन का उपयोग न करने की अपील की। यह वाकया तब हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा को संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी सदन में विपक्ष के खेमे की पहली पंक्ति में बैठे थे और बार-बार अपने फोन पर व्यस्त दिख रहे थे। साथ ही, वे दूसरे नेताओं से बातचीत करते नज़र आए।
इसके विपरीत, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा प्रधानमंत्री के भाषण को बड़े ध्यान से सुन रही थीं। उन्होंने हेडफोन लगाकर भाषण के हर हिस्से को ध्यानपूर्वक सुना। वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पीएम मोदी के आधे घंटे के भाषण के बाद ही सदन में लौटे।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ‘खून का स्वाद चखने’ के बाद संविधान को बार-बार लहूलुहान किया। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार की सभी नीतियां और फैसले संविधान के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की ताकत और एकता को बढ़ाने के लिए किए गए हैं।
उन्होंने भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा को ‘असाधारण’ बताया और कांग्रेस पर देश के संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि इस दौरान 55 साल तक ‘एक ही परिवार’ ने शासन किया, जिसने देश में आपातकाल लागू करके संविधान का उल्लंघन किया, न्यायपालिका के अधिकार सीमित किए, और संसद की स्वतंत्रता को बाधित किया।
कांग्रेस पर लगातार आरोप
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी आत्मा को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है। उन्होंने भाजपा की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि उनकी पार्टी के लिए संविधान की पवित्रता सर्वोपरि है और यह केवल शब्दों तक सीमित नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश में विविधता को कमजोर करने और एकता को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘जहरीले बीज’ बोए। पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस के माथे पर लगा यह पाप कभी धुल नहीं सकता। जब भी दुनिया में लोकतंत्र की बात होगी, कांग्रेस का यह पाप जरूर याद किया जाएगा।”
आपातकाल का हवाला
प्रधानमंत्री ने 1975 में आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान देश का संविधान पूरी तरह निलंबित कर दिया गया था। नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया था, और देश को एक जेल में बदल दिया गया था।
उन्होंने गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह परिवार संविधान का महत्व समझने में असफल रहा। पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बार-बार संविधान को कमजोर किया और इसे अपनी राजनीतिक स्वार्थपूर्ति का साधन बनाया।