- कुलगाम में लश्कर के पांच और राजौरी में एक आतंकी मारा गया
- आतंकी जिस घर में छिपे हुए थे, क्रॉस फायरिंग में आग लग गई
- 16 नवंबर को सर्च ऑपरेशन में आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग की
- ऑपरेशन में सेना, एलीट स्पेशल फोर्स यूनिट, CRPF और राज्य पुलिस शामिल
- आतंकियों से 4 एके 47 राइफलें, 10 एके-47 मैगजीन, 2 पिस्तौल, 4 ग्रेनेड बरामद
Terrorist Killed: जम्मू-कश्मीर में 24 घंटे के अंदर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच दो एनकाउंटर हुए, जिसमें 6 आतंकी मारे गए। पहला एनकाउंटर कुलगाम में 16 नवंबर की शाम से शुरू हुआ। इसमें पांच आतंकी मारे गए। दूसरा एनकाउंटर राजौरी में हुआ, इसमें सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया।
16 नवंबर की शाम कुलगाम के सामनू इलाके सुरक्षा बलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।ऑपरेशन में सेना की 34वीं राष्ट्रीय राइफल्स, 9 पैरा (एलीट स्पेशल फोर्स यूनिट), CRPF और राज्य पुलिस शामिल थी।
कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर गुरुवार शाम साढ़े 4 बजे से शुरू हुआ था। देर रात अंधेरे की वजह से इसे रोक दिया गया, लेकिन सुबह होते ही एक बार फिर फायरिंग शुरू हो गई। पांचों आतंकी जिस घर में छिपे हुए थे, क्रॉस फायरिंग के दौरान उसमें आग लग गई। आतंकियों की बॉडी ड्रोन कैमरा के जरिए देखी गई है।
कुलगाम में मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। इसमें 4 एके47 राइफलें, 10 एके-47 मैगजीन, 2 पिस्तौल, 3 पिस्टल मैगजीन, 4 ग्रेनेड और बारूद पाउच शामिल हैं। ये सभी जम्मू-कश्मीर के ही रहने वाले थे।
Terrorist Killed: साउथ कश्मीर के डीआईजी रईस मोहम्मद भट ने कहा कि मारे गए आतंकवादी समीर फारूक और दानिश हमीद छोटीगाम शोपियां के कश्मीरी पंडित सोनू भट पर हमले में शामिल थे। इसके अलावा दानिश ने याकूब शाह के साथ मिलकर 13 जुलाई को शोपियां में बाहरी मजदूरों पर हमला किया था, जिसमें 3 मजदूर घायल हो गए थे। मारा गया आतंकवादी फारूक शेख स्थानीय लोगों को उग्रवाद में शामिल होने के लिए उकसाने और लालच देने के अलावा अल्पसंख्यक धरना स्थलों पर हमला करने में शामिल था।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पिछले महीने ईदगाह इलाके में एक आतंकी ने पुलिस इंस्पेक्टर को तीन गोलियां मारी थीं। गोलियां उनके पेट, गर्दन और आंख में लगी थीं। इंस्पेक्टर की पहचान मसरूर अली वानी के रूप में हुई थी।
मसरूर येचिपोरा ईदगाह इलाके के रहने वाले हैं। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमला उस समय हुआ, जब मसरूर वानी स्थानीय लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे।